महिलाओं को कृषि से जोड़ें तथा आधुनिक तकनीकी की जानकारी प्रदान करें-राज्यपाल


        आजमगढ़  । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक ऑर्गेनिक उत्पाद को बढ़ाने के लिए प्रगतिशील किसान भाइयों को प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक उत्पाद में वृद्धि हेतु किसानों के लिए प्रशिक्षण/कार्यशाला का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक किसानों को फसलों के नष्ट होने से बचाव के तरीके तथा बीमारियों से होने वाले नुकसान को रोकने की जानकारी दें। राज्यपाल महोदया ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक किसान भाइयों को एक साल में कई बार फसल पैदा करने की जानकारियॉ एवं प्रशिक्षण दें।
        राज्यपाल महोदया आनंदीबेन पटेल ने आज जनपद आजमगढ़ में भ्रमण कार्यक्रम के दूसरे दिन कृषि महाविद्यालय केंद्र कोटवा आजमगढ़ में कृषि वैज्ञानिकों, प्रगतिशील किसान एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि दिनों-दिन कृषि के लिए जमीन कम होती जा रही है, इसलिए किसानों को मल्टी लेवल कृषि को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मल्टी लेवल कृषि से ही आवश्यकता अनुसार उत्पादन किया जा सकेगा तथा किसानों की आय भी कई गुनी बढ़ेगी। राज्यपाल महोदया ने कहा कि कृषि उत्पाद को बढ़ाने के लिए प्रगतिशील किसान के छोटे-छोटे खेतों में प्रयोग करें, प्रयोग सफल होने पर दूसरे किसान भाई भी आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने के लिए आगे आएंगे। उन्होंने कहा कि आजकल आप लोग यूट्यूब के माध्यम से भी दुनिया के अन्य देशों की तकनीकी की जानकारी प्राप्त कर किसान भाइयों को अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय/महाविद्यालय से बाहर निकल कर किसानों के साथ जाकर काम करें, जिससे अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा।
महामहिम राज्यपाल महोदया ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक एक ही फसल पर दूसरी और तीसरी फसल का उत्पादन करने का प्रयोग कर किसान भाइयों को बताएं। उन्होंने कहा कि आलू बोने के 20 दिन बाद उसी की डाल में टमाटर की डाल को जोड़कर तथा टमाटर की डाल में बैगन की डाल को जोड़कर एक ही पेड़ से कई प्रकार की सब्जियां उगाई जा सकती है, इस प्रकार प्रयोग कृषि वैज्ञानिक करें तथा कृषक भाइयों को जानकारी दें तथा प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।
            राज्यपाल महोदया ने कहा कि पानी को नुकसान होने से बचाएं तथा कम पानी में अधिक फसल की पैदावार की जाए। उन्होंने कहा कि ड्रिप सिंचाई का प्रयोग कर पानी को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को ड्रिप इरिगेशन के लिए प्रोत्साहित कर कम पानी से अधिक पैदावार किया जा सकता है। राज्यपाल महोदय ने अधिकारी वर्ग को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए कहा कि आप लोग अपनी आंखें खुली रखें। उन्होंने कहा कि व्यवस्था को सुधारना आपकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि किसानों के खेतों की मिट्टी की जांच कराएं और उनकी कमी को पूरा किया जाए। राज्यपाल महोदया ने कहा कि कृषक भाइयों के लिए नई सीड की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि आप लोग निश्चय करें कि बाहरी देशों से बीज नहीं मनाएंगे, नई किस्म के बीजों को पेटेंट करें तथा किसानों के उत्पादों को बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि यदि किसानों की आय को बढ़ानी है तो सभी मौसम के सभी प्रकार की सब्जियों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करना होगा। राज्यपाल महोदया ने कहा कि किसान भाइयों को परंपरागत खेती करने के साथ ही आधुनिक तकनीक से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़ी महिलाओं को कृषि से जोड़ें तथा आधुनिक तकनीकी की जानकारी प्रदान करें। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के माता-पिता को आधुनिक खेती के लिए जागरूक करें तथा कृषि महाविद्यालय के छात्र भी समाज के लोगों को आधुनिक खेती के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि जब मैं दीक्षांत समारोह में आऊं तो मुझे नए-नए प्रयोगों को दिखाया जाए। राज्यपाल महोदया ने महाविद्यालय परिसर में वृक्षारोपण भी किया। इसी के साथ ही  राज्यपाल महोदया ने पूर्वांचल खेती पुस्तक का विमोचन किया।
        इस अवसर पर कुलपति आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या, डॉ0 विजेन्द्र सिंह, डीन कृषि महाविद्यालय कोटवा प्रो0 धीरेन्द्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी राजेश कुमार, पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य, कृषि विज्ञान केन्द्र कोटवा के वैज्ञानिक, कृषि महाविद्यालय कोटवा के शिक्षकगण एवं छात्रगण सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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