फसल अवशेष जलाये जाने की घटना पर कई के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही
आजमगढ़। राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा दिये गये निर्देशों का उल्लंघन कर फसल अवशेष जलाये जाने की घटना कारित किये जाने के कारण आज धरभरन चौहान पूत्र-लूरखु चौहान ,ग्राम समेंदा तहसील-सदर जनपद आजमगढ़ के विरूद्ध जिलाधिकारी के निर्देशानुसार उपजिलाधिकारी सदर तथा उप कृषि निदेशक संगम सिंह द्वारा कार्यवाही की गयी। दोषी कृषक से नियमानुसार अर्थदण्ड वसूली हेतु उप जिलाधिकारी सदर द्वारा वसूली आदेश पारित कर दिया गया है। प्रकरण में पर्यवेक्षणीय दायित्वों में शिथिलता पाये जाने पर राजस्व लेखपाल पौहारी सिंह एवं कृषि विभाग कार्मिक सुशील कुमार यादव ए0टी0एम0 के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जा रही है तथा साथ ही कम्बाईन हार्वेस्टर मालिक के विरूद्व सम्बन्धित थाना प्रभारी द्वारा मुकदमा पंजीकृत किये जाने की कार्यवाही की जा रही हैं।जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि बिना एस0एम0एस0 लगाये हार्वेस्टर से कटाई एवं फसल अपशिष्ट जलाये जाने की घटना प्रकाश में आने पर दोषी के विरूद्ध विधिक कार्यवाही की जायेगी। उनके द्वारा बताया गया कि मुख्य सचिव उ0प्र0 शासन के निर्देशों के अनुसार दोषी पाये जाने पर कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड़ से कम होने की दशा में रू0-2500 प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल दो एकड़ से अधिक किन्तु पाँच एकड़ तक होने की दशा में रू0-5000 प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल पाँच एकड़ से अधिक होने की दशा में रू0-15000 प्रति घटना अर्थदण्ड आरोपित किया जायेगा तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम की धारा-24 के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली के सम्बन्ध में कार्यवाही की जायेगी।
इसी के साथ जिलाधिकारी द्वारा सभी उप जिलाधिकारी/क्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जो भी कम्बाईन हार्वेस्टर बेगर एस0एम0एस0 के कटाई करते पाये जाये तो तत्काल सीज की कार्यवाही की जाये तथा साथ ही राजस्व विभाग के लेखपाल एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि वे निरन्तर अपने कार्यक्षेत्र में भ्रमणशील रहे और कृषको को फसल अवशेष प्रबन्धन की समुचित जानकारी देय यदि इसके बावजूद भी किसी कृषक द्वारा फसल अवशेष जलाये जाने कि धटना प्रकाश में आती है तो सम्बन्धित के विरूद्व उसी दिन नियमानुसार वसूली/अर्थदण्ड की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
जिलाधिकारी ने जनपद के सभी कृषको एवं ग्राम प्रधान/जनप्रतिनिधियों से अपील किया कि फसल अवशेष कदापि न जलाये/वरन इसका उचित प्रबन्धन कर खेत की मिट्टी में मिलाते हुउ उर्वरता को बढाये तथा पर्यावरण को स्वस्थ रखने में सहयोग प्रदान करें।
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