धान की पराली/फसल अवशेष एवं नगरीय अपशिष्ट जलने की घटनाओं को रोकने के किया जागरूक


        आजमगढ़। प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चर मैकेनाईजेान फार इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ क्राॅप रेजीड्यू योजनान्तगर्त वतर्मान खरीफ सत्र 2021 में धान की पराली/फसल अवशेष एवं नगरीय अपशिष्ट जलने की घटनाओं को रोकने हेतु शासन के निर्देश के क्रम में आज जनपद़ के 22 विकास खण्डों कें 44 न्याय पंचायतों में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विभाग के कमर्चारी/अधिकारियों द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के नए-नए तकनीकियों से कृषक बन्धुओं को परिचित कराया गया। प्रशिक्षकों द्वारा गोष्ठी में फसल अवशेष अथवा पराली जलाने से होने वाले नुकसान एवं इसके उचित प्रबंधन से होने वाले लाभों को किसानों को विस्तार से बताया गया। किसानों के द्वारा वेस्ट डीकम्पोजर के प्रयोग को बढ़ावा दिये जाने पर विशेष बल दिया गया। फसल अवशेष के उचित प्रबंधन हेतु इन-सीटू योजनान्तगर्त नव विकसित क़ृषि यंत्रों यथा सुपर स्ट्रा मैनेजमेनट सिस्टम (सुपर एस0एम0एस0), हैप्पीसीडर, सुपर सीडर, जीरो टिल सीड कम फ़र्टिलाइज़र ड्रिल, श्रब मास्टर, पेडी स्ट्राचार, श्रेडर, मल्चर, रोटरी स्लेार, हाइड्रोलिक रिवसेर्बल, एम0बी0प्लाऊ, बेलिंग माीन, क्राप रीपर की जानकारी देते हुये विभाग द्वारा अनुमन्य अनुदान से भी परिचित कराया गया। शासन की मंशा के अनुरूप धान का पुवाल ग्राम सभा द्वारा अपने खचर् पर निराश्रित गोवंश स्थल तक भेजे जाने की प्रक्रिया की जानकारी दी गयी। उप कृषि निदेशक संगम सिंह द्वारा बताया गया कि पराली को जलाने से रोकने हेतु जनपद के सभी कम्बाईन हार्वेस्टर में सुपर स्ट्राॅ मैनेजमेन्ट सिस्टम लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।
        एस0एम0एस0 के बगैर जो कम्बाईन कटाई करते हुए पायी जायेगी, उसके मालिक के विरूद्ध माननीय राष्ट्रीय हरित अभिकरण की गाईडलाइन के अनुसार सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कम्बाईन सीज कर दी जायेगी तथा अथर्दण्ड भी लगाया जायेगा। इसके निगरानी हेतु जनपद के सभी कम्बाइन पर जिलाधिकारी के द्वारा कमर्चारियों की ड्यूटी भी लगा दी गयी है तथा जागरूकता कायर्क्रम में न्याय पंचायत मजगावा विकास खण्ड-रानी की सराय में प्रतिभाग करते हुये जिला कृषि रक्षा अधिकारी सुधीर कुमार द्वारा बताया गया कि कृषक फसल अवोा को कम्पोस्ट में परिवतिर्त किये जाने हेतु निशुल्क डीकम्पोजर प्राप्त कर इसके प्रयोग की विधि कृषि विभाग के कार्मिको से जान सकते है। उक्त के अतिरिक्त विकास खण्ड सठियाॅव में डा0 रामकेवल यादव सलाहकार, विकास खण्ड मेंहनगर में संम्भू सिंह स0वि0अ0 (कृषि), विकास खण्ड कोयलसा में अनिल सिंह तकनीकी सहायक एवं विकास खण्ड पल्हनी में अवधेष सिंह तकनीकी सहायक द्वारा जागरूकता गोष्ठीयो में मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रतिभाग करते हुये कृषकों को फसल अवशेष प्रबंधन के गुण सिखाये गये। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि जनपद के अन्य न्याय पंचायतों में क्रमिक रूप से दिनांक 09 सितम्बर 2021 तक गोष्ठीयाँ आयोजित करते हुये कृषकों को जागरूक किया जायेगा।

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