जीते कोरोना की जंग भस्त्रिका प्राणायाम के संग
योग मंच के योग प्रशिक्षक रवि प्रकाश यादव ने बताया कि भस्त्रिका प्राणायाम करके आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर संजीवनी बूटी की तरह प्रयोग करें।
आजमगढ़। वर्तमान में चल रही विश्व घातक वैश्विक महामारी* से सुरक्षित रहने के लिए और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए योग प्रशिक्षक रवि प्रकाश ने भस्त्रिका प्राणायाम के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा जो लोग बहुत व्यस्त हैं I कम से कम समय में योग करना चाहते हैं।वे साधक 5 से 10 मिनट सुबह -शाम भस्त्रिका प्राणायाम करके हीे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। योग प्रशिक्षक ने कहा पहले यह जानना और समझना जरुरी है कि भस्त्रिका प्राणायाम हमे कोरोना वायरस से कैसे बचा सकता है? दरअसल कोरोना का संक्रमण उन लोगों को जल्दी अपना शिकार बना सकता है। जिनकी रोग- प्रतिरोधक क्षमता बहुत कमजोर होती है। आमतौर पर होने वाले संक्रमण में भी अगर किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। तो वह जल्दी बीमार हो जाता है।
प्राणायाम के जरिए रोग- प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत किया जा सकता है। यही वजह है। कि भस्त्रिका प्राणायाम आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली तंत्र को मजबूत बनाने में अत्यंत मददगार है।
योग प्रशिक्षक ने बताया कि *भस्त्रिका प्राणायाम* के जरिए आप कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचे रहेंगे। भस्त्रिका प्रणायाम को करने से शरीर की समस्त मृत कोशिकाओं का पुनर्जन्म होता है।और आपकी श्वसन क्रिया हमेशा सक्रिय होती है। साथ ही साथ आपकी रोग- प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होती है। जिससे आप कोरोना वायरस के संक्रमण से एवं उससे होने वाले दुष्प्रभावों से आसानी से निजात पा सकते हैं। इस भस्त्रिका प्राणायाम के अभ्यास के दौरान मुख्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया पर ध्यान रखा जाता है इसलिए यह स्वसन में मुख्य भूमिका निभाने वाले अंग फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने का भी काम करता है l तंत्रिका तंत्र में सुधार कर बढे़ हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने का काम करता है यह बढी़ हुई हृदय की गति में भी सहायक साबित हो सकता है l
उज्जाई ,भ्रामरी ,उद्गीथ प्राणायाम का भी अभ्यास अवश्य करें
जो बच्चे हैं वह नियमित प्राणायाम के साथ एडवांस आसनों का भी अभ्यास करने का प्रयास करें l
युवा सूर्य नमस्कार का भी अभ्यास करें और जो बुजुर्ग हैं वह प्राणायाम के साथ-साथ सूक्ष्म व्यायाम का भी अभ्यास करें l
आइए जानते हैं,भस्त्रिका प्राणायाम करने की विधि
1.सबसे पहले आप योग मैट बिछाकर सुखासन, सिद्धासन ,या पद्मासन में बैठ जाएं।
2.अब इस बात को ध्यान रखें कि इस प्राणायाम को करते समय आपका गला, रीढ़ की हड्डी और सिर बिलकुल सीधा रहे।
3.अब यह सुनिनिश्चित करते हुए कि इस अभ्यास को करते समय आपका मुंह बिलकुल भी न खुले, दोनों नाक के छिद्रों से लंबी गहरी सांस लें।
4.सांस अंदर लेने की प्रक्रिया में आपके फेफड़े पूरी तरह से फूलने चाहिएं।
5.इसके बाद अब आपको एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों के माध्यम से भरी हुई सांस को छोड़ना होगा।
6.सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए
7.सांस लेने से छोड़ने तक भस्त्रिका प्राणायाम का एक चक्र पूरा होता है
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