मानसिक, भावनात्मक तथा आर्थिक आत्मनिर्भरता ही महिला सशक्तीकरण का मूल उद्देश्य
उन्होंने कहा कि महिलाओं की समान भागीदारी के बिना समाज और राष्ट्र के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रधानाचार्य ने कहा कि महिलाओं की समान भागीदारी को ²ष्टिगत रखते हुए ही आज फैकल्टी के डाक्टरों की पत्नियों को मंच साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है। बचपन में एक महिला की पाठशाला उसके माता-पिता के साथ परिवार होता है, जबकि वैवाहिक जीवन में उसका पति। उप प्रधानाचार्य राजेश कुमार ने कहा कि इस मंच के माध्यम से महिलाओं का सुझाव समाज को नई दिशा देगा। मिसेज अरुणा ने सवाल किया कि क्या वाकई महिलाओं का सशक्तीकरण हो चुका है। अर्चना, रंजना, हिना ने महिलाओं के मानसिक, भावनात्मक, आर्थिक आत्मनिर्भरता तथा स्वतंत्रता पर प्रकाश डाला। आयोजन डा. नेहा यादव ने किया। अंत में कार्यक्रम की नोडल अधिकारी तथा एनाटामी विभाग की अध्यक्ष डा. मनीषा उपाध्याय ने आभार व्यक्त किया।
Comments
Post a Comment