134 विद्यालयों को नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर मांगा गया जवाब


                आजमगढ़। जिले के वित्तविहीन विद्यालयों का प्रबंधन शिक्षा के प्रति कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जब कोरोना काल में बच्चों का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए सरकार आनलाइन पढ़ाई करा रही थी वहीं जिले के 14 विद्यालयों का प्रबंधतंत्र स्कूल में ताला बंद कर घर बैठा था। इन विद्यालयों में एक भी बच्चे का नामाकंन नहीं किया गया। यहीं नहीं जब बात बोर्ड परीक्षा की आयी तो 120 वित्तविहीन विद्यालय के प्रबंधकों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए परिषद की वेबसाइट पर अपने विद्यालय का डाटा ही फीड नहीं किया। ममाले को गंभीरता से लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक ने 134 विद्यालयों को नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है। जवाब न मिलने पर मान्यता प्रत्याहरण करने की चेतावनी दी है।
            बता दें कि जिले में माध्यमिक के 22 राजकीय, 97 वित्तपोषित तथा 644 वित्तविहीन विद्यालय हैं। जिले में प्रतिवर्ष करीब 2 लाख छात्र बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं। इस बार कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल समय से नहीं खुले लेकिन सरकार ने आन लाइन क्लास का निर्देश दिया था। ताकि बच्चों का भविष्य बर्बाद न हो लेकिन जिले के 14 विद्यालयों देवी शृंगारमती इंटर कालेज अनंतपुर बढ़या, आरएनएसजी इंटर कालेज डी सिकहुला, अर्मिला उ.मा.वि. सिकहुला कोयलसा, राजपति यादव स्मारक इंटर कालेज नौऊपुर अहिरौला, केआरएए बालिका हायर सेकेंड्री स्कूल मेंहनगर, सेंट्रल पब्लिक स्कूल, कुरैश हाई स्कूल जालंधरी, बाबू नागेंद्र सिंह इंटर कालेज नेतपुर बड़हलगंज, परमहंस बालिका इंटर कालेज देवपुर हनुमान नगर, अमर सेनानी उमावि शेखमौली करतालपुर, ब्रह्मचारी उमावि भदौरा मकरंद हाजीपुर, रामबचन स्मारक इंटर कालेज फूलपुर, बाराह भगवान उमावि पकड़ी कला व ईशान हायर सेकेंड्री स्कूल रोहुआ मुस्तफाबाद आजमगढ़ में हाई स्कूल व इंटरमीडिएट में एक भी नामाकंन नहीं किया गया है।
            जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीके शर्मा का कहना है कि इन कक्षाओं में एक भी पंजीकरण न होने स्पष्ट मतलब है कि इन विद्यालयों में पठन पाठन नहीं हो रहा है। इसके अलावा 120 विद्यालय ऐसे है जिन्होंने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए परिषद की वेबसाइट पर अपने विद्यालय का डाटा ही फीड नहीं किया है जबकि सभी विद्यालयों को बोर्ड परीक्षा केंद्र बनाने के लिए डाटा फीड करने का निर्देश दिया गया था। यह गंभीर लापरवाही है। साफ है कि जिन 14 विद्यालयों में एक भी पंजीकरण नहीं है वहां पढ़ाई का स्तर बहुत खराब है। इसके अलावा वेबसाइट पर डाटा अपलोड न करना भी अपराध की श्रेणी में आता है। इसके लिए सभी विद्यालय प्रबंधनों को नोटिस जारी की गयी है। इनसे तीन दिन में जवाब मांगा गया है। अगर तीन दिन में संतोषजनक जवाब नहीं आता है तो सभी के मान्यता समाप्त करने की संस्तुति की जाएगी।

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