सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में अब होगा आंतक का अंत
आजमगढ। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को शासन ने एसएसपी एसटीएफ लखनऊ से आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात किया हैं। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह इससे पहले भी कई जनपदों में अच्छा प्रर्दशन कर अपने आप को हीरो साबित किया है सूचनाएं बताती है कि दें कि सुधीर कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जनपद बिजनौर में गुलशन सिंह के परिवार में 29 जनवरी 1963 को जन्म लिया था सुधीर कुमार सिंह ने अर्थशास्त्र से एम.ए की हैं। सुधीर कुमार सिंह राज्य पुलिस सेवा मेें साल 1989 में पीपीएस के रूप में पीपीएस अफसर बन गये। सुधीर कुमार सिंह ने लगभग 20 साल पीपीएस अफसर के रूप में कार्य किया उसके बाद शासन ने उनकी गुड़ पुलिसिंग को देखते हुए साल 2009 में आईपीएस अफसर के रूप में प्रमोशन दे दिया। सुधीर कुमार सिंह को 2009 में आईपीएस प्रमोशन के बाद सबसे पहले बलरामपुर का पुलिस अधीक्षक बनाया गया। बलरामपुर से आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को 18 मई 2016 को गोंड़ा जनपद के एसपी के पद पर तैनात किया गया। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह ने गोंड़ा जनपद में लगभग एक साल तक तैनात रहे। उसके बाद आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को 14 मई 2017 को अम्बेड़कर नगर के पुलिस अधीक्षक के रूप में मुकर्रर कर दिया। अम्बेड़कर नगर में आईपीएस सुधीर कुमार ने लगभग 5 माह तक कार्यरत रहे। वहां से अक्टूबर 2017 को उनको जनपद अमरोहा के पुलिस अधीक्षक के पद पर भेज दिया गया। अमरोहा में रहते हुए आईपीएस सुधीर कुमार सिंह ने अपराध उन्मूलन और पुलिस के छवि को सुधारने हेतु काफी उत्कृष्ट कार्य किया।28 अगस्त 2018 को आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को शासन ने जनपद मुजफ्फरनगर के कप्तान की कमान सौप दी थी। जनपद मुजफ्फरनगर के कप्तान की कमान संभालते ही आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को डबल मर्डर की चुनौती सामने खड़ी हो गई थी। जनपद मुजफ्फरनगर के थाना नई मण्ड़ी क्षेत्र के एक जर्जर मकान में वृद्ध महिला का शव मिला तो वहीं चरथावाल में दलित महिला की हत्या कर दी गयी थी। इन दोनों वारदातों ने आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को चुनौती देने का काम किया, इन दोनों चुनौतियों को वेलकम करते हुए अपनी सूझबूझ से इन दोनों हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने का काम किया। बागोंवाली की वारदात में वृद्धा के पुत्रवधु और भाई ही आरोपी थे। वहीं थाना चरथावाल के क्षेत्र में आईपीएस सुधीर कुमार ने अपनी सूझबूझ से ही इस घटना का भी जल्द ही घटना का अनावरण कर दिया था। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह ने जनपद मुजफ्फरनगर में अपराधियों के हर मोड़ पर कमर तोड़ने का सराहनीय काम किया। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह का मानना था कि अपराध की मुख्य जड़ नशा हैं, नशे की लत की वजह से ही युवा अपराध के रास्ते पर चल पड़ते हैं। इस नशे को रोकने का टारगेट बनाते हुए नशे को रोकने काम भी किया। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह की गुड़ पुलिसिंग को देखकर पहली बार जनपद मुजफ्फरनगर में तत्कालीन डीजीपी ओमप्रकाश सिंह आये। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व का ही कमाल था कि लखटकिया इनामी शमीम का एनकाउंटर कर डीजीपी को सलामी दी थी। इस शानदार पुलिसिंग को वाॅच कर तत्कालीन डीजीपी ओमप्रकाश सिंह खुश नजर आये और आईपीएस सुधीर कुमार सिंह के काम को सराहा था। आईपीएस सुधीर कुमार ने जनपद मुजफ्फरनगर के कप्तान की कमान लगभग एक साल तक संभाली और इस एक साल में आईपीएस सुधीर कुमार सिंह ने जनपद में अच्छी कप्तानी पारी खेली। इसके बाद शासन ने आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को सूबे के जानें-मानें जनपद गाजियाबाद के 3 जुलाई 2019 को एसएसपी के पद की कमान हाथों में दे दी। आईपीएस सुधीर कुमार सिंह ने जनपद गाजियाबाद के पुलिस कप्तान रहते हुए 12 घंटे के भीतर ही सिविल इंजीनियर कुणाल दत्ता और उसकी बेटी को बरामद कर एक आरोपी को पकड़कर घटना खोली थी, इस परिवार से 80 लाख की फिरौती मांगी गयी थी। खुद तत्कालीन डीजीपी ओमप्रकाश सिंह ने आईपीएस सुधीर कुमार की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि यह घटना गोपनीय न रखी जाती तो बाप बेटी की हत्या हो सकती थी। इस घटना में आईपीएस सुधीर कुमार ने गोपनीय तरीके से सर्विलांस के माध्यम से बदमाशों पर निगाह रखी। वह खुद इस पूरे केस की माॅरिटरिंग कर रहे थे। इस खुलासे पर डीजीपी ओपी सिंह ने आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को बधाई दी थी। आईपीएस सुधीर कुमार को कमेंडेशन डिस्क पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गाजियाबाद से आईपीएस सुधीर कुमार सिंह का 10 जनवरी 2020 को तबादला कर 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा भेजा दिया गया था। 7 जुलाई 2020 को आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को एसएसपी एसटीएफ लखनऊ बना दिया। इसके बाद अब आईपीएस सुधीर कुमार सिंह को 16 अगस्त 2020 को एसएसपी एसटीएफ लखनऊ से एसपी आजमगढ़ की कमान सौंप दी।
बताते चले कि सुधीर वरिष्ठ पुलिस अधीाक्षक इतने संवेदनशील है कि प्रेमिका से मिलने पहुंचे युवक को लड़की के परिजन ने पेड़ से बांधकर पीटा। घटना सिधारी थानाक्षेत्र की है और पीटने वाले लोग लोग युवक की जान लेने पर अमादा थे, बुजुर्गों के रोकने पर युवक की जान बच सकी।घटना का वीडियो भी बनाया गया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने मामले में संज्ञान लेते हुए और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही का आदेश दिया।
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