दवा के अभाव में किसी भी का भी इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए-मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी
आजमगढ़। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के टीम 11 से जुड़े अधिकारियों के समीक्षा बैठक से यह साफ हो गया कि मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों को कोरोना जैसी गम्भीर महामारी से बचाने के लिये भारी रूप से चिन्तित हैं। प्रदेश में कोरोना महामारी तेजी से फैलती जा रही है। अब एक साथ दो हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अनलॉक-2 की समीक्षा की। इस दौरान बैठक में टीम-11 से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे। इस बीच मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि पॉजिटिव मरीजों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग धैर्य तथा सावधानी से करें। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया है कि कहीं पर भी दवा के अभाव में किसी का इलाज रुकना नहीं चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि दवा के अभाव में किसी भी रोगी का इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। सभी अस्पतालों में दवाओं का अतिरिक्त स्टॉक रखा जाए। अगर ऐसा होता है तो वहां सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के गंभीर रोगियों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग करें। उन्होंने चिकित्सीय व्यवस्थाओं को और सुदृढ़ बनाने के भी निर्देश दिया है। प्रदेश के हर जिले में भेजे गए नोडल अधिकारी अब कोरोना संक्रमितों के साथ ही स्वस्थ होकर अपने घर गए लोगों से फीडबैक लेंगे। अब नोडल अधिकारी रोज कम से कम 20 कोरोना संक्रमितों से बात करेंगे। विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमितों से नोडल अधिकारी फोन पर बात करने के दौरान उनके मिल रहे इलाज, सुविधा तथा दिक्कतों का फीडबैक लेंगे। इन सभी सभी नोडल अधिकारियों को डीएम को रोज रिपोर्ट देनी होगी। जिलों में इलाज और सुविधाओं में लापरवाही हुई तो अब से नोडल अधिकारियों की जवाबदेही भी तय होगी। जिलों में नोडल अधिकारियों को रोज कोविड अस्पतालों का निरीक्षण भी करना होगा।
उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस संक्रमण के दिन दूना रात चैगुना बढ़ता जा रहा है राज्य में कोविड-19 के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। जानकार सूत्रों के अनुसार कुल संक्रमितों की संख्या अब 55,558 हो गई है। इसके साथ राज्य में कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 1263 हो गई। प्रदेश में पिछले एक दिन में 45,650 सैंपल्स की जांच की गई। प्रदेश में अब तक लगभग 16 लाख सैंपल्स की जांच की गई।
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