अपने-अपने अस्पतालों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना करें-जिलाधिकारी राजेश कुमार

           आजमगढ़ । प्राइवेट अस्पतालों के अन्तर्गत चल रहे ओपीडी में कोविड-19 के प्रोटोकाल का अनुपालन कराये जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी राजेश कुमार द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में प्राइवेट अस्पतालों के संबंधित चिकित्सकों के साथ बैठक की गयी।
        इस अवसर पर जिलाधिकारी ने प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों को निर्देशित करते हुए कहा कि अपने-अपने अस्पतालों में कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना करें, जिस पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगायें एवं हेल्प डेस्क में इन्फ्रारेड थर्मामीटर, पल्स आक्सीमीटर व सेनेटाइजर की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। इसी के साथ ही जो मरीज ओपीडी में आ रहे हैं, उनके पल्स एवं तापमान की जांच करें एवं मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री को भी पता करें और रजिस्टर में ओपीडी के लिए आने वाले प्रत्येक मरीजों का नाम, पता व मो0नम्बर दर्ज करें। इसी के साथ ही किसी व्यक्ति में सर्दी, खाॅसी, बुखार व साॅस लेने की परेशानी हो तो चिकित्सक अपने विवके पर चाहे तो उस मरीज की कोरोना संक्रमण की जांच करा सकता है।
इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने चिकित्सकों को निर्देश दिये कि अपने अस्पताल में सुविधानुसार 4 से 6 बेड की व्यवस्था अलग से रखें, उसमें जो कोरोना संदिग्ध हैं, उनका ईलाज उस वार्ड में करें। उस वार्ड का प्रवेश व निकास द्वार अलग-अलग रखें एवं उसमें जिस वार्ड ब्वाय व नर्स की ड्यूटी लगायें उसकी अन्य किसी वार्ड मंे ड्यूटी न लगायें। 
           इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने चिकित्सकों से कहा कि आपके अस्पतालों को सीएमओ के द्वारा गूगल शीट उपलब्ध करा दी जायेगी, जिसमें जो भी मरीज ओपीडी में आ रहे हैं, यदि उनमें सर्दी, जुकाम, बुखार के लक्षण पाये जाते हैं तो उन मरीजों का डाटा गूगल शीट में प्रतिदिन दर्ज करना होगा। इसी के साथ ही जिलाधिकारी ने बताया कि फार्मासिस्ट/दवा विक्रेताओं को भी गूगल शीट उपलब्ध कराया जा रहा है। जिस पर फार्मासिस्ट/दवा विक्रेताओं द्वारा उन ग्राहकों के डाटा को गूगल शीट पर दर्ज किया जायेगा, जो वहाॅ पर दवा खरीदने आते हैं और उनमें सर्दी, खाॅसी, बुखार के लक्षण हैं।
           जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिये कि अपने अस्पतालों के वेटिंग एरिया में मरीजों व उनके परिजनों के बैठने की व्यवस्था 2-2 गज की दूरी पर करें और मरीजों को फोन पर ही एप्वाइण्टमेंट दें। जो रेगुलर मरीज हैं उनको देखने का टाइम निश्चित कर लें, जिससे मरीजों की भीड़ अस्पतालों में एक साथ न बढ़े। यदि आपके अस्पतालों में विभिन्न डाक्टरों द्वारा विभिन्न प्रकार का ईलाज किया जाता है जो उन डाक्टरों द्वारा भी मरीजांे को देखने के लिए अलग-अलग समय निर्धारित करें।
          इस अवसर पर सीएमओ डाॅ0 एके मिश्रा, आईएमए के अध्ययक्ष डाॅ0 डीपी राय, डाॅ0 खालिस, डाॅ0 स्वास्ति सिंह, डाॅ0 विपीन यादव, डाॅ0 आरडी सिंह उपस्थित रहे।

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