खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं की उपलब्धता लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत पूर्ण है-मण्डलायुक्त
आजमगढ़ । कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में विडियो कान्फ्रेसिंगि के माध्यम से एनआईसी आजमगढ़ में मण्डल आजमगढ़, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर व सम्बन्धित मण्डलों के सभी जनपद में मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी सम्पन्न हुई।
इस अवसर पर आयुक्त आजमगढ़ मण्डल आजमगढ़ कनक त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि आजमगढ़ मण्डल में कृषि निवेश (खाद, बीज, कीटनाशक दवाए) की उपलब्धता लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत पूर्ण है। खरीफ फसलों में आच्छादन का लक्ष्य गत वर्ष के पूर्ति से 3.84 प्रशित अधिक है।
आयुक्त आजमगढ़ द्वारा अवगत कराया गया कि मण्डल में जिन कम्पनियों द्वारा सोलर पम्प लगाये जाते है। उनमें आगामी वर्षो में संचालन में कोेई खराबी आती है तो वह ठीक नही हो पाता है। इसके लिए जिन कम्पिनियांे द्वारा सोलर पम्प लगाया जाता है वे कम्पनियों सम्बन्धित जिलांे में अपना सेण्टर लगाये तो किसान सोलर पम्प को ठीक करा सकते है। पशुपालन के सन्दर्भ में बताया गया कि पशुबीमा का लक्ष्य मण्डल में 6000 है जिसे डबल किया जाय।
इसी के साथ ही जिलाधिकारी आजमगढ़ राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि कृषि उत्पादों को विष मुक्त बनाये जाने हेतु जैविक खेती को बढ़ावा दिए जाने की योजनायें संचालित है। इसके लिए कृषकों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार एवं जैविक खेती हेतु पंजीकृत कृषकों को बाजार से जुड़ने हेतु मण्डी में एक जैविक उत्पाद काउण्टर बनाया जाय जहां पर कृषकों को जैविक खेती की महत्ता के बारे में जानकारी दी जाय और उनके उत्पाद को भी उपभोक्त से जोड़ा जाय। कृषि यन्त्रों पर अनुदान वितरण की प्रक्रिया पोर्टल पर यथाशीघ्र प्रारम्भ किया जाय। जो किसान कम्बाइन्ड हारवेस्टर मशीन के साथ भुसा बनाने वाली मशीन का प्रयोग कर रहे है उन सब्सिीडी दिलाया जाय।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 6,28,342 कृषकों को नियमित रूप से किस्त प्राप्त हो रही है। जून 2020 तक अपूर्ण आधार संशोधन डाटा को पूर्ण कर लिया जायेगा।
प्रमुख सचिव कृषि/मण्डी ने बताया कि मण्डलों में जैविक उत्पाद काउण्टर खोलने के लिए निर्देश दिए गये है। मण्डियों के सम्बन्धित अधिकारियों से मिलकर चालु कराया जाया।
निदेशक पशुपालन ने कहा कि अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल मेें पशुओं का देखभाल ठीक से कराया जाय व गोवंश आश्रय स्थल में जिन पशुओं का मृत्यु हो जाती है तो उनके शव का डिस्पोजल नियमानुसार कराया जाय। बरसात आ गयी है, पशुओं को बचाने के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर शेड लगाया जाय। भूसा की व्यस्था कर ले व भूसे को प्रकार से सुरक्षित करवाया जाय कि व सड़े नही। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गलाघोटु व अन्य रोग से बचाव हेतु पशुओं मे टीकाकरण करा लिया जाय। दैविय आपदा में किसी पशु का मृत्यु न हो।
अन्त में कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने अपने सम्बोधन में बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए व कृषको के आय बढ़ाने के लिए कृषकों के कृषि उत्पाद का उचित मुल्य दिलाया जाय। इसके लिए कृषि उत्पाद को मार्केट लिंकेज कराना व उत्पाद को फुड व एग्रो प्रोसेसिंग से जोड़ने की जरूरत है।
उन्होने कहा कि जो कृषि उत्पाद जनपद का विशिष्ट है। उसको मर्केट लिंकेज में क्या समस्या है या किसानों को मार्केट में पहुचनंे में समस्या हो तो उससे सम्बन्धित प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ले। किसानों को आय में वृद्धि करने के लिए इनपुट, प्रोसेसिंग, मार्केेटिंग फ्रेमवर्क को लेकर चलना होगा।
इस अवसर पर संयुक्त कृषि निदेशक एसके सिंह, डीडी कृषि डा0 आरके मौर्य, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 वीके सिंह, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी संगम सिंह, जिला कृषि अधिकारी डा0 उमेश कुमार गुप्ता सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।
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