कोरोना वायरस से बचाव के लिये देश प्रदेश के सरकार को और गम्भीर होने की जरूरत-बृजपाल

लखनऊ। असंख्य समाज पार्टी के प्रदेश के अध्यक्ष बृजपाल यादव ने लास्ट टाक से बाचतीत में बताया कि कोरोना वायरस की चपेट में दुनिया भर में सवा लाख से अधिक लोग हैं और 5500 से अधिक की मौत हो चुकी है. भारत में भी कोरोना वायरस के पीड़ितों की संख्या दिनो-दिन बढ़ती जा रही है। भारत में कोरोना संक्रमण के 107 मामले सामने आए हैं. दो लोगों की मौत हो चुकी है. दुनिया के 120 से ज्यादा देशों में जिस तरह कोरोना फैला है उस लिहाज से भारत में अब तक मरीजों की ज्ञात संख्या बहुत कम है। उनका मानना है कि कोरोना वायरस टेस्ट को लेकर भारत में अभी और गंभीरता लाने की जरूरत है। श्री बृजपाल ने कहा कि सवा अरब से ज्यादा आबादी वाले देश में जिस तरह कोरोना वायरस के लिए स्क्रीनिंग और सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं वो नाकाफी हैं। 
उदाहरण के तौर पर देखें तो दक्षिण कोरिया की कुल आबादी 5.1 करोड़ है. वहां 20 जनवरी से लेकर अब तक 2.5 लाख से अधिक लोगों का टेस्ट किया जा चुका है. इसके लिए टेस्टिंग सेंटर बनाए गए हैं ताकि इस महामारी से निपटा जा सके। भारत के लिहाज से देखें तो यहां ऐसे सेंटर कम ही हैं. भारत में कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए हर राज्य में कुछ चुनिंदा अस्पतालों को ही सेंटर बनाया गया है, जो कि आबादी के लिहाज से पर्याप्त नहीं हैं।
श्री बृजपाल ने कहा कि कहा कि भारत में अभी इसके मामले बढ़ना शुरू हुए हैं. एक बार अगर वायरस ने फैलना शुरू किया तो मुश्किलें और मामले दोनों बढ़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के सभी देश जहां भी कोरोना के मामले सामने आए हैं उनके मुकाबले भारत में सबसे कम लोगों का टेस्ट किया गया है। भारत में अब तक छह से सात हजार लोगों के सैंपल ही टेस्ट किए हैं. वहीं दक्षिण कोरिया जिसकी आबादी तमिलनाडु से भी कम है, उसने ढाई लाख लोगों का टेस्ट कर लिया है.’’ सरकार ने अब तक उन्हीं लोगों के टेस्ट कराए हैं जो विदेश से लौटे हैं या फिर जो ऐसे किसी व्यक्ति के संपर्क में आया हो. सरकार ने यही पैमाना तय किया है. ऐसे में अगर कोई सामान्य दिखने वाला व्यक्ति साधारण जुकाम या वायरल बुखार में हो और वायरस के टेस्ट के लिए कहे तो उसका टेस्ट नहीं किया जाएगा. ऐसे में समस्या यह है कि आप तय नहीं कर पाएंगे कि कम्युनिटी में ये वायरस फैल रहा है या नहीं। 
वायरस के सैंपल टेस्ट करने के लिए देश भर में कुल 52 लैब बनाई गई हैं. आबादी के लिहाज से ये बेहद कम है देश में 600 या इससे अधिक सेंटर होने चाहिए जहां वायरस की टेस्टिंग कराई जा सके। बृजपाल यादव का कहना  है कि सरकार को बड़े स्तर पर कोरोना वायरस के टेस्ट की मुहिम शुरू कर देनी चाहिए ताकि यह आगे चलकर मुसीबत न बने. साथ ही कुछ ऐसी जगहों का चयन भी किया जाना चाहिए जहां लोगों को सबसे अलग रखा जा सके। एक बार अगर यह वायरस गांवों के स्तर पर फैलने लगा तो फिर इस पर जल्दी काबू पाना आसान नहीं होगा। जिला अस्पतालों को आईसीयू, ब्ल्ड ट्रांसफ्यूजन और ऑक्सीजन सप्लाई जैसी सुविधाओं से लैस करना जरूरी है, तभी इस वायरस के बड़े स्तर पर फैलने पर बचाव आसान होंगे। उन्होनें कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में जिला अस्पतालों की हालत किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में अगर वहां कोरोना वायरस के मामले सामने आने लगे तो सरकार और आम लोग सबकी मुश्किलें बढ़ेंगी। ?
उन्होंने कहा कि असंख्य समाज पार्टी केन्द्र सरकार तथा प्रदेश सरकार से कोराना से मरने वालों के परिवार के लोगों को 10-10 लाख रूपये की सहायता राशि देने की मांग की है। 

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