मण्डलायुक्त ने बाल श्रम परियेजना के कर्मचारियों चयन प्रक्रिया को रोकते हुए प्रकरण की जॉंच हेतु गठित की तीन सदस्यीय समिति
आज़मगढ़। मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने बाल श्रम परियोजना के अन्तर्गत कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु उप श्रमायुक्त कार्यालय से जारी विज्ञापन में अनियमितता एवं भ्रष्टाचार सम्बन्धी शिकायत के परिप्रेक्ष्य में जारी चयन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकते हुए प्रकरण की जॉंच हेतु अपर आयुक्त (प्रशासन) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जॉंच समिति का गठन करते हुए बाल श्रम विद्यालयों में नियुक्तियों की गहन जॉंच कर संयुक्त आख्या 20 जनवरी तक उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया है। इस सम्बन्ध में मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने बताया कि जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष विजय प्रकाश सिंह ने इस आशय का शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था कि बाल श्रम परियोजना के अन्तर्गत आज़मगढ़ हेतु भारत सरकार द्वारा 40 बाल श्रम विद्यालय स्वीकृत हैं, जिसका संचालन बाल श्रम समिति द्वारा किया जाना है तथा उसके परियोजना निदेशक उप श्रमायुक्त आज़मगढ़ मण्डल हैं। इनके द्वारा जान बूझकर बाल श्रम विद्यालयों में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों जिसमें प्रति विद्यालय 2 शिक्षा अनुदेशक, कुल 14 व्यवसायिक अनुदेशक, 40 क्लर्क, 40 आया/हेल्पर के साथ ही जिला कार्यालय हेतु दो प्रोग्रम मैनेजर, एक लेखाकार, एक आशुलिपिक/क्लर्क, एक चपरासी, एक वाहन चालक की नियुक्ति का विज्ञापन 2 अक्टूबर को कम प्रसार वाले एक समाचार पत्र में प्रकाशित कराया गया जिसमें आवेदन जमा करने की तिथि 1 अक्टूबर एवं आवेदन समाप्त करने की तिथि 15 अक्टूबर अंकित कराई गयी है, जिससे यह कार्यवाही सन्देह उत्पन्न करती है। शिकायती पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रकरण बाल श्रम समिति के समक्ष आने पर चयन समिति द्वारा मत सुस्थिर किया गया कि चयन के सम्बन्न्ध में अधिकाधिक व्यक्तियों को सूचना देने के लिए अधिक प्रचलित/प्रसारित समाचार पत्रों में पुनः विज्ञप्ति प्रकाशित कराई जाय, परन्तु पुनः जान बूझकर चयन समिति के निर्देशों का उल्लंघन करके खानापूर्ति हेतु एक अन्य समाचार पत्र में 17 नवम्बर को सूक्ष्म विज्ञापन प्रकाशित करा दिया गया, जबकि समिति द्वारा पूर्व में प्रकाशित विज्ञापन को पुनः अधिक प्रचलित/प्रसारित समाचार पत्रों में प्रकाशित कराये जाने के निर्देश दिये गये थे, परन्तु ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि निर्देशों की अवहेलना करने के कारण 180 पदों के सापेक्ष 1900 आवेदन प्राप्त हुए, जिससे प्रतीत होता है कि सुनियोजित तरीके से कुछ लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाई गयी, जिसके कारण जह योग्य बेरोजगार आवेदन करने से वंचित रह गये वहीं नियुक्ति की पारदर्शिता भी प्रभावित हुई है।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने प्रकरण में प्रथम दृष्टया नियुक्ति की प्रक्रिया में दोष परिलक्षित होने के कारण चयन की समस्त प्रक्रियाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए पूरे मामले की जॉंच हेतु अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र की अध्यक्षता में उप निदेशक राष्ट्रीय बचत एवं सहायक निदेशक सेवायोजन को सम्मिलित करते हुए तीन सदस्यीय जॉंच समिति का गठन किया। उन्होने समिति को निर्देशित किया कि नियुक्ति के सम्बन्ध में प्रकरण की गहनता से जॉंच की जाय तथा जॉंच के समय शिकायतकर्ताओं को भी सुनवाई का समुचित अवसर देते हुए जॉंच प्रक्रिया पूर्ण करते हुए 20 जनवरी तक आख्या अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाय।
Comments
Post a Comment