लेखपालों ने किया संपूर्ण समाधान दिवस का बहिष्कार

       

 आजमगढ़। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ आजमगढ़ के आह्वाहन पर जनपद के समस्त तहसीलों में शनिवार को संवर्ग की विभिन्न समस्याओं को लेकर लेखपालों ने संपूर्ण समाधान दिवस का बहिष्कार करते हुए धरना दिया। संघ ने कहाकि लेखपालों का शोषण उत्पीड़न किया जा रहा है। अभी तक नवनियुक्त लेखपालों के तीन वेतन वृद्धि एरियर का भुगतान और उनकी सेवा पुस्तिका का अपडेशन नहीं कराया गया। धरने के पश्चात् लेखपालों ने सात सूत्री मांग पत्र उप जिलाधिकारी को दिया।
            संघ के अध्यक्ष रामानुज श्रीवास्तव ने कहाकि लेखपालों की कई समस्याएं है जिसे अधिकारी दूर नहीं कर रहे है। सभी जनपदां में आय, जात, निवास प्रमाण पत्र का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन यहां पर शासन से पैसा उपलब्ध होने के बाद भी नहीं किया गया। इसके अलावा मंहगाई भत्ता का एरियर, कापकटिंग इनपुट सर्वे का मानदेय और सातवें वेतन का एरियर भी लेखपालों को नहीं दिया गया हैं।
            संघ के मंत्री सुनील कुमार यादव ने कहाकि ग्राम सभा के मुकदमों में रिट याचिकाओं के उत्तर तैयार कराने के लिए लेखपालों के उच्च न्यायालय आने जाने के नाम पर हो रहे शोषण का बंद किया जाय और आबादी स्वामित्व योजनातंर्गत सर्वे ऑफ इंडिया लखनऊ आने जाने का व्यय दिया जाय। आबादी स्वामित्व योजना में चूना छिड़कने और प्रपत्र 5 तैयार करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है बावजूद इसके लेखपालों से कराई जाती है। उन्होने कहाकि लेखपालों द्वारा आनलाईन रिपोर्ट लगाये जाने के बाद भी छह महीने तक खतौनी में आदेश अंकित नहीं किया जा रहा है। लेखपालों से तहसील मुख्यालय पर मनमाने ढ़ंग से अधिकारियों द्वारा देररात तक बैठक की जा रही है। जिसके कारण लेखपालों को घर आने जाने में अगर कोई घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी। अध्यक्षता राजदेव राम ने किया।
            इस अवसर पर पंकज अस्थाना, शकील अहमद, जितेन्द्र मिश्रा, अमित पाण्डे, उपेन्द्र यादव आदि लेखपाल उपस्थित रहे।

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