अलग-अलग जातियों की नही बल्कि पिछड़े समाज एक साथ पिछड़ो की लड़ाई लड़ेंगे-राकेश मौर्य
आजमगढ़। पिछड़ा संवाद द्वारा जन-जागरूकता कार्यक्रम के तत्वावधान में रविवार को सिधारी स्थित आवास पर रविवार की बैठक हुई। जिसमें आगामी होने वाले पिछड़ा जाति के जनगणना कराए जाने को लेकर मंत्रणा की गई साथ ही मौजूद सैकड़ो जागरूक युवा शक्तियों ने इसको लेकर संकल्प लिया।
पिछड़ा संवाद के संयोजक राकेश मौर्य ने कहा कि पिछड़ा समाज के कल्याण की बात करने वाले राजनीतिज्ञ वक्त आने पर पिछड़ा वर्ग को छलने का काम करते है। लेकिन अब इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अलग-अलग दलों में पिछड़ा समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले नुमाइंदे समाज को जाति आधार पर बांटकर पिछड़ा समाज के दुश्मन बने बैठें। श्री मौर्य ने कहा कि आगामी 2022 में होने वाली जनगणना को सरकार से जातिगत आधार पर कराने की मांग किया। साथ ही सभी पिछड़े समाज के युवाओं को संकल्प दिलाया कि आज से अलग-अलग जातियों की नही बल्कि पिछड़े समाज एक साथ पिछड़ो की लड़ाई लड़ेंगे और सरकार 2022 में होने वाली जनगणना को जाति आधारित करवाने की मांग की ताकि पिछड़ो की सही संख्या और उनकी भागीदारी का आंकड़ा का ज्ञात हो सकें। यदि सरकार पिछड़ों की संख्या नही बताती है, तो आने वाले समय मे जनगणना का विरोध राष्ट्रव्यापी किया जाएगा तथा आंदोलन की तैयारी की जाएगी।
बैठक में बिजली यादव, मनीष गुप्ता, नीरज, शाक्य, विनय चौहान, अम्बुज पटेल, राजेश यादव दिनेश यादव नीरज मौर्य व मुकेश सम्राट सहित सैकड़ों युवाओं ने भाग लिया।
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