विपक्षी दल हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिक रंग देकर राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास करेंगे-मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बसपा पार्टी के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि के मौके पर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बड़ी रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विरोधी दलों पर जमकर हमला बोला। मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी तथा आप वोट के लिए जनता से वादे कर रही हैं जो हवा हवाई है। उनमें रत्तीभर भी दम नहीं है। विरोधी पार्टियां चुनावी घोषणापत्रों में प्रलोभन भरे चुनावी वादे करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनने पर इस बार सबसे ज्यादा जोर यहां के गरीब और बेरोजगार नौजवानों को रोटी रोजी के साधन उपलब्ध कराने पर होगा। इसबार यही हमारी पार्टी का मुख्य चुनावी मुद्दा भी होगा। केंद्र और राज्य की जो भी योजनाएं चल रही हैं उन्हें बदले की भावना से रोका नहीं जाएगा।
बंगाल चुनाव का जिक्र करते हुये मायावती ने कहा कि वह चुनाव से छह महीने पहले मीडिया और अन्य एजेंसियों के सर्वेक्षण पर रोक लगाने की मांग करेंगी ताकि चुनावों पर इन सर्वेक्षणों का कोई असर नहीं पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुए सर्वेक्षणों में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी को काफी पीछे बताया जा रहा था लेकिन जब परिणाम आया तो वह ठीक उल्टा था। जो सत्ता के सपने देख रहे थे उनका सपना चकनाचूर हो गया और ममता बनर्जी भारी बहुमत से पुनः वापस आ गयी । इसलिये आप लोगों को बहकावे में नहीं आना हैं।’’
उन्होंने कहा कि विपक्षी दल हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिक रंग देकर राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास करेंगे लेकिन इससे सजग रहना है। अब सरकार में आंदोलित किसानों पर जुल्म इतना बढ़ गया है की अति हो गई है। लखीमपुर खीरी इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भाजपा, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी वोट के लिए जनता से वादे कर रही हैं जो हवा हवाई है। उनमें रत्तीभर भी दम नहीं है। विरोधी पार्टियां चुनावी घोषणापत्रों में प्रलोभन भरे चुनावी वादे करने वाली हैं।
भीम आर्मी से डरी हुई दिखी मायावती
मायावती ने कहा, ‘‘प्रदेश में कुछ ऐसी भी छोटी-छोटी पार्टियां व दल हैं जो अकेले या गठबंधन कर चुनाव लड़ सकते हैं । इनका मकसद चुनाव जीतना नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिये पर्दे के पीछे से खासकर सत्ताधारी पार्टी को फायदा पहुंचाना होता है । यह छोटी पार्टियां उन्हीं के हिसाब से अपने प्रत्याशी खड़े करती हैं , इसलिये ऐसी पार्टियों और दलों से सावधान रहने की जरूरत है।’’
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