आजमगढ। आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्तार अंसारी ने कहाकि यूपी में 122839 वक्फ की जायदादें है, लेकिन पसमांदा को कोई फायदा नहीं मिलता है। 7 प्रतिशत आमदनी मुतवल्ली के लिए तय है और 93 प्रतिशत आमदनी कहां जाती है इसका कोई पता नहीं चलता। श्री असांरी शुक्रवार को तमसा प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू थे। उन्होने कहाकि लम्बे समय से पसमांदा मुस्लिम महाज की मांग है कि राजनैतिक दल टिकट बंटवारा मुस्लिमों में भी धर्म के आधार पर नहीं बल्कि जाति के आधार पर करें। मुस्लिम संगठन भाई भतीजावाद से बाहर निकलें और पसमांदा मुस्लिमों को उनकी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दें। तमाम राजनीतिक दल धर्म के आधार पर किये जा रहे भेदभाव त्यागे और अपने अपने पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ में पिछड़े मुस्लिमों को भी जगह दें। वक्फ बोर्ड की संपत्ति सार्वजनिक होनी चाहिए और जिसका हक है उसको मिलना चाहिए।राष्ट्रीय महासचिव वकार अहमद ने कहाकि समाजवादी पार्टी ने किसी पसमांदा मुस्लिम को राज्यसभा, बसपा ने विधान परिषद व कांग्रेस के सीडब्ल्यूसी में किसी को नहीं भेजा। वहीं भाजपा सिर्फ विदेशी मुस्लमानों को भाव देती है और देशी राष्ट्रवादी मुस्लमानों को अछूत समझती है। कहाकि मीम जैसी सम्प्रदायिक पार्टी भी पसमांदाओं को बड़ा पद नहीं देती, आज भी लोकतन्त्र को राजशाही तरीके से चलाया जा रहा है। 
                सबका साथ सबका विकास और पसमांदा मुस्लमानों का विनाश चाहती है। पिछड़े समाज से आने वाले पीएम मोदी से पसमांदा समाज को काफी उम्मीदे है और वह न्याय करेंगे। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नुरूलऐन ने कहाकि मुस्लिम संस्थाओं का हाल राजनैतिक पार्टी से भी बुरा है। खुला सैय्यदवाद/मुस्लिम ब्राह्मणवाद चलता है, इनसे न्याय की कोई आशा नहीं है।  इस दौरान शम्श तबरेज, मशहूद अहमद, आफताब अहमद आदि मौजूद रहे।

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