कूटरचना व जलसाजी करने वालों के प्रमाण पत्र हुये रद्द
आजमगढ़। अभिलेखों में कूटरचना व जलसाजी कर अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाकर सरकार नौकरी करने वाले तीनों भाईयों के जाति प्रमाण पत्र निरस्त किये जाने का आदेश जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने दिया है। यह कार्यवाही मेंहनगर तहसील के टण्डवा खास गांव निवासी बालेश्वर सिंह पुत्र स्व. शिवपूजन सिंह के शिकायत पर हुई है।मेंहनगर तहसील के टण्डवा खास गांव निवासी रामकुमार गोंड, श्याम गोंड एवं लक्षिमन गोंड पुत्रगण मोती राम को क्रमांक 641 3 जनवरी 2007, 608 19 दिसम्बर 2006 व 607 19 दिसम्बर 2006 को तहसील मेंहनगर द्वारा अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र निर्गत किया गया था। जाति प्रमाण पत्र जारी होने के बाद तीनों भाई अनुसचित जनजाति के कोटे से सरकारी नौकरी कर रहे हैं। जब इसकी जानकारी बालेश्वर सिंह स्व. शिवपूजन को हुई तो उन्होने मामले की शिकायत अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग, आयुक्त न्यायिक मंडल आजमगढ़ व जिलाधिकारी से किया। जिसमें उन्होने राम कुमार गोंड, श्याम गोंड, लक्षिमन गोंड पुत्रगण मोतीराम गोंड को पिछड़ी जाति (कहार) होने के बाद भी अभिलेखों में कूटरचना कर गलत तरीके से अनुसचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाकर सरकार सेवा का लाभ लेने का आरोप लगाया। यह मामला जब जनपदस्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के पास पहुंचा तो मामला सही पाया गया। तहसीलदार मेंहनगर ने लेखपाल, राजस्व निरीक्षक की जांच आख्या के बाद समिति को बताया कि रामकुमार गोंड, श्याम गोंड एवं लक्षिमन गोंड पुत्रगण मोती राम अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में नहीं आते यह लोग कहार है, जो पिछड़ी जाति के अंतर्गत आते है। इनके खानदान के अन्य लोगों को कहार जाति (पिछ़ड़ी जाति) का जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है।
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