दहेज एक सामाजिक समस्या है-सुश्री अनीता



            आजमगढ़ । मिशन शक्ति अभियान “3.0“ के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुश्री अनीता द्वारा अग्रसेन बालिका इंटर कॉलेज आजमगढ़ में कानूनी जागरूकता अभियान का दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पण कर शुभारंभ किया गया।
            इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुश्री अनीता द्वारा दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा, महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न, कन्या भ्रूण हत्या के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अनुसार दहेज लेन-देन या इसके लेनदेन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15000 रुपए जुर्माना का प्रावधान है। दहेज एक सामाजिक समस्या है जिसका उन्मूलन तभी हो सकता है जब हम संकल्प पूर्वक इसके विरुद्ध कदम उठाएं। दहेज लेना वह देना अपराध की श्रेणी में है। उन्होंने बताया कि पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक पीसीपीएनडीटी अधिनियम 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए कानून है। इसके तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग की जांच पर पाबंदी है और घरेलू हिंसा के बारे में विस्तार से बताया। सचिव महोदया ने अग्रसेन बालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य से कहा कि छात्राओं के आत्मरक्षा के लिए विद्यालय में मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिलाएं।
        महिला कल्याण अधिकारी प्रीति उपाध्याय ने बताया कि हर महिला को अपनी सुरक्षा और अधिकारों के प्रति जिम्मेदार होते हुए कुछ चीजों की जानकारी जरूर होनी चाहिए, सरकार व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा महिलाओं के हित के लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, इन नंबरों को अपने फोन में सेव कर खुद को सुरक्षित रखने का तोहफा दें। उन्होंने बताया कि 1090 वूमेन पावर लाइन, 181 महिला हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 112 पुलिस आपातकालीन सेवा, 1098 चाइल्ड लाइन, 102 एम्बूलेंस सेवाएं एवं 108 एंबुलेंस सेवाएं महिलाओं की सुरक्षा के लिए जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति अभियान “3.0“ के अंतर्गत महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है और पहले से अब महिलाओं में काफी बदलाव आ रहा है।
        महिला शक्ति केंद्र के जिला समन्वयक अनु सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अन्तर्गत प्रथम श्रेणी में 0 से 10 वर्ष तक की आयु के बच्चे के वैध संरक्षक के बैंक खाते में रुपया 4000 प्रतिमाह की धनराशि देय होगी, बशर्ते औपचारिक शिक्षा हेतु उनका पंजीयन किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कराया गया हो। इसके अतिरिक्त ऐसे बच्चे जो पूर्णतया अनाथ हो गए हो एवं बाल कल्याण समिति के आदेश से विभाग के अंतर्गत संचालित बाल्य देखभाल संस्थाओं में आवासित कराए गए हो, उनको कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेशित कराया जाएगा। द्वितीय श्रेणी में 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की कक्षा 12 तक की निःशुल्क शिक्षा हेतु अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में प्रवेश कराया जाएगा तथा विद्यालयों की 03 महीने की अवकाश अवधि हेतु बच्चों की देखभाल हेतु प्रतिमाह रुपया 4000 की दर से कुल रुपए 12000 की धनराशि प्रतिवर्ष संरक्षक के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी। उक्त धनराशि कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जो भी पहले हो, ही देय होगी। यदि बच्चे के संरक्षक उपरोक्त विद्यालयों में किसी कारण से प्रवेश नहीं दिलाना चाहते हैं तो बच्चों की देखभाल व शिक्षा हेतु उनको 18 वर्ष के आयु होने अथवा कक्षा 12 तक की शिक्षा पूरी होने तक रूपया 4000 की धनराशि दी जाएगी, बशर्ते बच्चे की औपचारिक शिक्षा हेतु अनिवार्य रूप से किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया हो। उन्होंने बताया कि लाभार्थी बालिकाओं की शादी हेतु रुपया 1,01,000 आर्थिक सहयोग प्राप्त होगा, इसी के साथ ही पात्र लाभार्थियों मे कक्षा 09 या इससे ऊपर अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, 18 वर्ष तक के बच्चों को लैपटॉप/टेबलेट की सुविधा दी जाएगी। इसी के साथ ही साथ बच्चों की चल/अचल संपत्ति की कानूनी सुरक्षा भी कराई जाएगी।
        शिवाली त्रिपाठी ने बताया कि कन्या सुमंगला योजना प्रदेश सरकार द्वारा संचालित की जा रही है, इसका उद्देश्य कन्या भू्रण हत्या को समाप्त करना, समान लैंगिक अनुपात स्थापित करना, बाल विवाह की कू-प्रथा को रोकना, बालिका के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देना और उन्हें स्वावलम्बी बनाना है। इस योजनान्तर्गत 06 श्रेणियों में लाभार्थियों को लाभ दिया जाता है, जिसमें प्रथम श्रेणी के अन्तर्गत बालिका के जन्म होने पर 2000 रू0, द्वितीय श्रेणी में बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त 1000 रू0, तृतीय श्रेणी में कक्षा 1 में बालिका के प्रवेश करने पर 2000 रू0, चतूर्थ श्रेणी में कक्षा 6 में बालिका के प्रवेश करने पर 2000 रू0, पंचम श्रेणी में कक्षा 9 में बालिका के प्रवेश करने पर 3000 रू0 एवं 6वीं श्रेणी में ऐसी बालिकाएं जिन्होने कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करके स्नातक-डिग्री या कम से कम दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो 5000 रु0 दिया जाता है। योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी उ0प्र0 का निवासी हो, स्थायी निवास प्रमाण पत्र उसके पास हो, लाभार्थी के परिवारिक वार्षिक आय अधिकतम 3 लाख रू0 हो, किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को इस योजना का लाभ मिलेगा। महिला कल्याण अधिकारी प्रीति उपाध्याय द्वारा कार्यक्रम का समापन करते हुए सभी को प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
        इस अवसर पर अग्रसेन बालिका इंटर कालेज की प्रधानाचार्या श्रीमती गायत्री, पिंकी सिंह, रिंकी सिंह, रंजना मिश्रा, रीना यादव एवं यशवंत मौर्य सहित अग्रसेन बालिका इंटर कॉलेज के अध्यापिका एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

Comments

Popular posts from this blog

फन्दे पर लटकती मिली विवाहिता व बेटे की लाश

केन्द्र सरकार आम आदमी की समस्या को सुलझाने में विफल-प्रियंका गोड़

दो लाख रूपये नहीं मिले तो ससुराल वालो ने कर दी बहू की हत्या