हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए आचार्य चन्द्रबली पान्डेय आजीवन संघर्ष किया-प्रभुनारायण पाण्डेय ‘प्रेमी’


        आजमगढ़। श्री चन्द्रबली पाण्डेय स्मृति समिति के तत्वावधान में हिन्दी दिवस के अवसर पर मड़या स्थित वरिष्ठ पत्रकार अमरनाथ तिवारी के आवास पर मंगलवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम आचार्य चन्द्रबली पाण्डेय के चित्र पर माला पहनाकर कर उन्हे नमन किया गया।गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए साहित्यकार व समिति के महामंत्री प्रभुनारायण पाण्डेय प्रेमी ने कहाकि हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए आचार्य चन्द्रबली पान्डेय आजीवन संघर्ष करते रहे। उन्होने तसव्वुफ अथवा सूफीमत शोध ग्रंथ पर पी.एच.डी. हिन्दी के माध्यम से करना चाहते थे। लेकिन विश्वविद्यालय ने हिन्दी में अनुमति नहीं दिया। अमरनाथ तिवारी ने कहाकि हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए उनका पूरा जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है और उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
        इस अवसर पर गीतकार सुरेन्द्र सिंह चांस, संजय कुमार पाण्डेय, निशीथ रंजन तिवारी, बीडी कुमार, वीरेन्द्र यादव आदि मौजूद रहे।

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