बरसात के मौसम में डेंगू फैलने की सम्भावना-मुख्य चिकित्साधिकारी


        आजमगढ़। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 आईएन तिवारी ने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू फैलने की सम्भावना अधिक हो जाती है, जिसके लक्षण, सर्दी के साथ अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेसियों एवं जोड़ो में दर्द, आखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना एवं गम्भीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ो से खून आना और त्वचा में चकत्ते पड़ना है तथा कुछ भी खाने पीने में गले में सुजन के कारण अत्यधिक दर्द होना है। सीएमओ ने जनसाधारण से अपील किया है कि डेंगू से बचने के लिए घरों के आस पास पानी इकट्ठा न होने दें, क्योंकि रूके हुए पानी में मच्छर पैदा होते हैं। घरों के आस पास जमा पानी में मिट्टी का तेल, जला हुआ मोबिल आयल का छिडकाव करें, घर, गली, मोहल्ले में साफ-सफाई बनाये रखें। कूलर सप्ताह में एक बार साफ करें, सुखाएँ इसके बाद प्रयोग करें। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है, इस लिए पूरी बॉह के कपड़े पहने एवं खिड़की में जाली लगवाएं। टूटे बर्तन, टायर एवं टिन के डब्बे के अन्दर बरसात का पानी न इकट्ठा होने दें। मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छर रोधी क्रीम/अन्य उपायों का उपयोग करें। बुखार के आने पर खून की जॉच अवश्य करायें। बुखार होने पर एस्प्रिन, आइब्रुफेन, कार्टिसोन एवं एन्टीबायोटिक का प्रयोग न करें। बुखार के आने पर नजदीक के प्रा0स्वा0 केन्द्र/सामु0स्वा0 केन्द्र पर उपचार करायें।उन्होने कहा कि घरों के आस पास गन्दगी न फैलायें एवं जलभराव न होने दें। किसी भी बुखार के रोगी को यदि वह असहाय है तो उसे बिना उपचार के न रहने दें। कूलर में गन्दे पानी का प्रयोग न करें। अप्रशिक्षित डाक्टरों द्वारा उपचार न करायें एवं असहाय रोगी के खून की जॉच बिना प्रशिक्षित डाक्टर से न करायें। टूटे बर्तन व टायर न जमा होने दें तथा घर के आस -पास गन्दगी न फैलायें। खुले में सोने से बचें। खून की जॉच सरकारी अस्पताल में एवं रजिस्टर्ड पैथालाजिस्ट से करायें। बिना चिकित्सक के सलाह के दवा का सेवन न करें।

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