पूर्व विधायक के कब्जे से 52 एकड़ सार्वजनिक भूमि को खाली कराने के लिए जिलाधिकारी को सौंपा शिकायती पत्र
आजमगढ़। सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाले भू-माफिया के प्रति प्रदेश सरकार की नजर टेढ़ी है। जगह-जगह भू-माफियाओं के विरूद्ध अभियान चलाकर जहां सरकारी भूमि को खाली कराया जा रहा है वहीं फूलपुर तहसील के तरकुलहां गांव में 52 एकड़ सार्वजनिक भूमि को अभी तक खाली नहीं कराया गया। प्रशासन की उदासीनता ने सरकार के सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के दावे की हवा निकाल दी है।फूलपुर तहसील क्षेत्र के तरकुलहा ग्राम सभा में पूर्व विधायक अब्दुल कलाम के कब्जे से 52 एकड़ सार्वजनिक भूमि को खाली कराने के लिए पूजारी राधेमोहन पुत्र रामपरित व ग्राम प्रधान रेखा यादव ने गुरूवार को एक बार फिर जिलाधिकारी से मिलकर शिकायती पत्र दिया। साथ ही उसने डीडीसी के 1994 के आदेश के क्रम में उक्त भूमि को ग्राम सभा के नाम अमलदरामद कराये जाने की मांग किया। डीएम को दिए गये पत्रक में पुजारी राधेमोहन व ग्राम प्रधान रेखा यादव ने बताया कि डीडीसी आजमगढ़ ने 1994 में ग्राम सभा की 52 एकड़ सार्वजनिक भूमि जो अन्य लोगो के नाम थी। ग्राम सभा के पक्ष में करने का आदेश दिया था। डीडीसी के आदेश के विरूद्ध पूर्व विधायक व भू माफिया उच्च न्यायालय जाकर ग्राम सभा केनाम अमलदरामद करने से रोकने के लिए स्थगन आदेश ले लिया।
न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश लाने के बाद भू-माफिया व पूर्व विधायक ने 11 जनवरी 2015 को सार्वजनिक पोखरी की जमीन को असरफिया एजुकेशनल विद्यालय के नाम करवा लिया। इसकी शिकायत तहसील फूलपुर में की गयी तो तहसीलदार द्वारा जांच करने के बाद 19 फरवरी 2015 को गाटा संख्या 99/173/171घ/170च पोखरी की जमीन को असरफिया एजुकेशनल विद्यालय सहीं पाया गया। तहसीलदार के जांच के बाद भू-माफिया ने सरकारी गाटों से विद्यालय का नाम कटवा लिया लेकिन गाटा संख्या 170 च सार्वजनिक पोखरी की जमीन आज भी फर्जी तरीके से कागजों में असरफिया एजुकेशनल विद्यालय चल रहा है।
इतना हीं नहीं, ग्राम सभा की गाटा संख्या 168 रकबा 3.304 एकड़ सरकारी भूमि को फर्जी प्रवृष्टि कराने के मामले में फूलपुर थाने में पूर्व विधायक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुजारी राध्ेमोहन, ग्राम प्रधान रेखा यादव ने जानमाल की रक्षा की गुहार लगाते हुए जिला प्रशासन से मांग किया कि ग्राम सभा की समस्त सार्वजनिक भूमि को भू माफिया व पूर्व विधायक से खाली कराकर 52 एकड़ सार्वजनिक भूमि को डीडीसी द्वारा जारी 1994 के आदेश का पालन कराते हुए ग्राम सभा के पक्ष में अमलदरामद कराया जाय।
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