अनुलोम विलोम को बनाएं दिनचर्या का हिस्सा, फेफड़े को मिलेगी भरपूर ऑक्सीजन - देवविजय
आजमगढ़। दुनिया भर में कोरोना महामारी के बीच लोगों के भीतर भय व्याप्त है ऐसे में लोग अपने घरों में ही रह रहे हैं । कोरोना संक्रमित व्यक्ति संक्रमण के बाद तनाव ग्रसित हो जा रहा है ऐसे में आज सुबह कुंवर सिंह उद्यान में योगाभ्यास के दौरान जनपद के ख्याति प्राप्त योग प्रशिक्षक देवविजय यादव ने बताया कि अनुलोम विलोम प्राणायाम से हम तनाव को कम कर सकते हैं ।
अनुलोम विलोम से हम अतिरिक्त शुद्ध वायु भीतर लेते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड यानी दूषित वायु बाहर निकाल देते हैं ।इससे रक्त की शुद्धि होती है शुद्ध रक्त हृदय के माध्यम से शरीर में सभी अंगों तक पहुंच जाता है और उन्हें पोषण प्रदान करता है ।फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ती है और प्राण शक्ति का स्तर बढ़ जाता है, मानसिक तनाव का स्तर घट जाता है । जिनका रक्तचाप बढ़ा हुआ है उन्हें अनुलोम विलोम का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए इस महामारी मे ऑक्सीजन का संकट भी पैदा हो गया है जरूरतमंदों को समय पर मेडिकल ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है ऐसे में अनुलोम विलोम प्राणायाम फायदेमंद है । अनुलोम विलोम प्राणायाम से फेफड़ों में ऑक्सीजन की ज्यादा मात्रा पहुंचती है और इससे फेफड़ा मजबूत होता है अनुलोम विलोम प्राणायाम को नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहते हैं l
कोरोना संक्रमित के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद है
अनुलोम विलोम प्राणायाम को हर व्यक्ति को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए ।
अनुलोम विलोम प्राणायाम ऐसा प्राणायाम है जिसे हम खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं ।
करने की विधि :
* अपनी सुविधानुसार पद्मासन सिद्धासन सुखासन में बैठ जाएं
* फिर दाहिने हाथ के अंगूठे से दाहिनी नासिका को बंद कर ले और फिर नासिका के बाएं छिद्र से धीरे-धीरे लयबद्ध तरीके से लंबा गहरा श्वास भरें
* स्वास भरने के बाद बिना श्वास को रोके ही दाहिनी नासिका से बाहर निकाल दें
* अब फिर बाएं नासिका को बंद कर दाहिनी नासिका से ही श्वास को ले और फिर बायीं से बाहर निकाले ।
यह करते समय आंखों को बंद रखें, ध्यान रखें कि श्वास को धीरे-धीरे एवं लयबद्ध तरीके से लेना एवं छोड़ना है । इस प्रक्रिया को 5 से 15 मिनट तक लगातार करें ।
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