यह देश दीर्घकाल तक बाबा साहब का ऋणी रहेगा-बृजेश दूबे
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर की 130 वीं जयन्ती पर आर्यावर्त महासभा के राष्ट्रीय मंत्री बृजेश दूबे ने बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेडकर को नमन करते हुये कहा कि संविधान निर्माता के रूप मे उनका जो योगदान है उसके लिये यह देश बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर का कर्जदार रहेगा। बाबासाहेब की प्रेरणा से उसी नींव पर हम नए भारत के निर्माण कर परिकल्पना करते है। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर के अनुसार राष्ट्र के निर्माण के लिए भूमि, वहां का समाज तथा समाज की श्रेष्ठ परम्परा, यह तीनों अनिवार्य अंग हैं। राष्ट्र केवल भौतिक ईकाई नहीं है। बल्कि राष्ट्र एक जीवित आत्मा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्र की परिभाषा करते हुए डॉ आंबेडकर ने उसके लिए अपरिहार्य तत्वों का उल्लेख किया है। राष्ट्र के सम्बन्ध में जो उन्होंने उद्धत किया है, उसे आदर्श कहा जा सकता है। किसी भी राष्ट्र के निर्माण में वहां के समाज का, राष्ट्र के सम्बन्ध में सुख-दुःख, यश-अपयश के प्रति विचार एक ही जैसा होना चाहिए। राष्ट्र के भूतकाल और वर्तमान के प्रति देखने का दृष्टिकोण समान होना चाहिए। जिस समाज की राष्ट्र के प्रति ऐसी भावना होती है, वह निरन्तर आगे बढ़ता है। उनका विचार था कि एक साथ मिलकर कष्ट उठाना आनंद की स्मृतियों की तुलना में एकता के लिए अधिक महत्त्व का आधार है। राष्ट्रीय महत्त्व की स्मृतियों तथा ऐसी ही दुखद घटनाओं के उदाहरण विजय की तुलना में अधिक मूल्यवान है क्योंकि इससे कर्तव्य बोध जाग्रत होता है और सामूहिक प्रयत्नों की आवश्यकता अनुभव होती है। यह एक आत्मिक सिद्धांत है। इसके लिए आवश्यक है कि स्मृतियों की बहुमूल्य विरासत का सामान्य अधिकार तथा वर्तमान काल में वास्तविक सहमति। एक साथ रहने की इच्छा तथा अविभाजित विरासत, जो हमारे पूर्वजों ने हमको सौंपी है, उसे कायम रखने की प्रबल इच्छा का होना नितांत आवश्यक है।
श्री दूबे ने कहा कहा कि बाबा साहब भीम राव आंबेडकर ऐसे ही महापुरुष थे, जिन्होंने अपने व्यक्तिगत जीवन की सभी महत्वाकांक्षाओं को ठोकर मार कर अपने दुखी और पीड़ित जानो के जीवन को जागृत करने का काम किया। इसके लिये यह देश दीर्घकाल तक बाबा साहब का ऋणी रहेगा।
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