आक्रोशित बंदी रक्षकों ने शनिवार को जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें पत्रक सौंपा
आजमगढ़ । नवागत जेल अधीक्षक के खिलाफ कारागार के बंदी रक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। बंदी रक्षकों ने तानाशाही व भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जेल अधीक्षक के खिलाफ डीएम से मिलकर पत्रक सौंपा।
इधर जेल अधीक्षक ने बंदी रक्षकों द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार बताया। प्रदेश के अतिसंवेदनशील जेल में आजमगढ़ कारागार भी शामिल है। यहां बंदी रक्षकों व बंदियों के बीच साठगांठ का आरोप शुरू से ही लगता आ रहा है। साठगांठ के चलते सलाखों के पीछे कैद बंदियों को सभी सुविधाएं आसानी से मिल जाती हैं। इस मामले का खुलासा पूर्व में हुई जांच के बाद अधिकारियों ने की थी, लेकिन बंदी रक्षकों के खिलाफ इधर काफी दिनों से कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। डीजी कारागार ने आजमगढ़ जेल में तैनात सात बंदी रक्षक अशोक भारती, अशोक सिंह, ओमप्रकाश पांडेय, भगवान सिंह, जदीउल्लाह सिद्दीकी, अमरनाथ सिंह व अवनींद्र कुमार सिंह का अलग-अलग जेलों के लिए स्थानांतरण कर दिया था। स्थानांतरण के आदेश पर नवागत जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने शुक्रवार को उक्त बंदी रक्षकों को कार्यमुक्त कर दिया। इधर कार्यमुक्त होते ही उक्त बंदी रक्षकों का आक्रोश शनिवार को फूट पड़ा। स्थानांतरण से आक्रोशित बंदी रक्षकों ने शनिवार को जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें पत्रक सौंपा। उनका आरोप था कि शासन स्तर से सात अन्य बंदी रक्षकों का एक वर्ष पूर्व स्थानांतरण हुआ था, लेकिन उन्हें अभी तक कार्यमुक्त नहीं किया गया। इधर उनका कई माह से वेतन नहीं मिल रहा है। आरोप लगाया कि वेतन भुगतान के नाम पर जेल अधीक्षक की ओर से एक-एक हजार रुपये की मांग की जा रही है। जो रुपये नहीं दे रहे हैं उनके खिलाफ गलत रिपोर्ट भेजकर कार्रवाई कराई जा रही है।
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