पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में वृद्धि को लेकर वामदलों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया
मऊ । डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बेतहासा वृद्धि को लेकर वामदलों ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। दाम बढोत्तरी को वापस लेने की मांग की। चेतावनी दी कि अगर सरकार जल्द इस पर निर्णय नहीं लेती है तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा ऐसे समय में पेट्रोल, डीजल के दामों में भारी वृद्धि की गई है जब तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में गिरावट हुई है। 2014 में पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 47.12 रुपये थी जो 2021 में घटकर 29.34 हो गई है। पेट्रोल-डीजल के दामों में वर्तमान आसमानी उछाल का मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा की गई एक्साइज ड्यूटी में 38 प्रतिशत की बेलगाम वृद्धि है। 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से अब तक डीजल-पेट्रोल पर लगभग 217 प्रतिशत टैक्स की वृद्धि की गई है। डीजल-पेट्रोल में की गई यह वृद्धि महामारी एवं आर्थिक मंदी की दोहरी मार झेल रही जनता पर कपटपूर्ण हमला है। कहा कि एक ओर सरकार कृषि कानून, श्रमिक संहिताएं, नई शिक्षा नीति, जनविरोधी बजट, पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस मूल्य वृद्धि कर जनता की आर्थिक कठिनाइयों को बढ़ा रही है। केंद्र और प्रदेश की सरकारें अपराधियों पर लगाम लगाने की बजाय अपना पूरा जोर शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रदर्शनों के दमन पर लगा रही हैं। प्रदर्शन में अर्चना उपाध्याय, सरोज सिंह, वीरेंद्र कुमार, बसंत कुमार, शेर मोहम्मद, रामजी सिंह प्रदीप, शमसुलहक चौधरी, श्यामदेव, शिवमूरत, हरिश्चंद्र, देवनाथ यादव, सुरेश, फेकू, जंगबहादूर, पिटू, मनोज, अरविद, सिन्टू, प्रमिला,अजमल, इमरान आदि उपस्थित थे।
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