हाथी को छोड़ वि़द्या साइकिल पर सवार
आजमगढ़। पिछले 26 सालों से बसपा से जुड़ीं पूर्व मंत्री विद्या चैधरी ने सपा का दामन थाम लिया। इसके साथ ही जनपद में नई सियासत शुरू हो गई है। लखनऊ में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। पूर्व मंत्री ने टिकट के लिए पैसे की मांगने को पार्टी छोड़ने का कारण बताया।
बताते चले कि बसपा ने वर्ष 2002 में विद्या को आजमगढ़ जिले की मेंहनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ाया था। विद्या चुनाव जीतने में सफल रही थी।
इसके बाद वर्ष 2007 में इन्हें दोबारा मेंहनगर से लड़ाया गया। विद्या ने लगाताार दूसरी जीत दर्ज की। बसपा की यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो सबसे पहले उन्हें मंत्री बनाकर वित्त विभाग सौंपा गया। बाद में उनका विभाग बदलकर महिला कल्याण मंत्री बनाया गया। विद्या की गिनती बसपा के मजबूत नेताओं में होती रही है। दलितों के बीच गहरी पैठ के कारण पार्टी ने कभी प्रत्याशी बदलने की कोशिश नहीं की।
वर्ष 2012 के चुनाव में बसपा ने तीसरी बार मेंहनगर से मैदान में उतारा था लेकिन सपा की लहर में विद्या को हार का सामना करना पड़ा। सपा के बृजलाल सोनकर विधायक चुने गए। इसके बाद भी पार्टी में इनका दबदबा कायम रहा। वर्ष 2017 में एक बार फिर पार्टी ने विद्या पर दाव लगाया लेकिन सपा ने बीजेपी छोड़कर आये पूर्व विधायक कल्पनाथ पासवान को मौदान में उतार दिया। विद्या को लगातार दूसरा चुनाव हारना पड़ा।
मेंहनगर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली विद्या चैधरी की गिनती बसपा के दिग्गज नेताओं में होती थी। उन्होंने राजनीतिक कैरियर की शुरूआत 1994 में की थी। बसपा की जिला महामंत्री, जिला कोआपरेटिव बैंक की निदेशक रहीं। बसपा के टिकट पर जिला पंचायत चुनाव लड़ा। वर्ष 1996 के विधानसभा चुनाव में मेंहनगर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ीं लेकिन जीत न सकीं।
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