बिजलीकर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना वर्ष 2020 से लागू की जाए-प्रभुनारायण प्रेमी


आजमगढ़। केंद्र व प्रदेश सरकारों की निजीकरण नीति के विरोध समेत कई मांगों को लेकर विद्युतकर्मी बुधवार को एक दिवसीय कार्य बहिष्कार पर रहे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष अधिकारियों व कर्मचारियों ने धरना दिया।
            विद्युतकर्मियों ने इलेक्ट्रिकसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 एवं विद्युत वितरण के निजीकरण के लिए लाए जा रहे स्टैंडर्ड बिडिग डाक्यूमेंट (बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के संपूर्ण निजीकरण का दस्तावेज) को निरस्त किया जाए। निजीकरण की केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़ व पुडुचेरी व किसी भी प्रांत में चल रही प्रक्रिया वापस ली जाए। ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा का फ्रेंचाइजी करार रद किया जाए। सभी ऊर्जा निगमों को एकीकृत कर उत्पादन, पारेषण और वितरण को एक साथ रखते हुए केरल के केएसइबी लिमिटेड और हिमांचल प्रदेश के एचपीएसइबी लिमिटेड की तरह उम्र में भी यूपीएसइबी लिमिटेड गठित किया जाए। सभी बिजलीकर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना वर्ष 2020 से लागू की जाए। नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए, सभी रिक्त पदों पर विशेष रूप से श्रेणी-3 और चार के सभी रिक्त पदों पर नियमित भर्ती की जाए। संविदा व निविदा कर्मचारियों को तेलंगाना की तरह नियमित किया जाए। सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए और सभी संवर्गों को तीन पदोन्नत पदों का समयबद्ध वेतनमान दिया जाए। संदीप प्रजापति, बीरेंद्र सिंह, आशुतोष यादव, निखिल शेखर सिंह, जय प्रकाश यादव, वेद प्रकाश यादव, राजनारायण सिंह, धर्मू यादव, चंद्रजीत यादव, काशीनाथ गुप्ता, अखिल पांडेय आदि रहे। 


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