कोरोना से बेहाल यूपी में कई अफसरों ने संकट को अवसर में बदल दिया-बालचन्द चौहान

जरूरी चीजों की खरीद के नाम पर हुआ करोड़ों का खेल


            आजमगढ़। प्रसपा के घोसी मऊ के भावी विधायक बालचन्द चैहान ने सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि यूपी में जानलेवा कोरोना वायरस का प्रसार कम होता नहीं दिखाई दे रहा है इस बीमारी से निपटने में गड़बड़ियों की खबरें भी पर्दे के पीछे से बाहर आने लगी हैं। कोरोना से बेहाल यूपी में कई अफसरों ने संकट को अवसर में बदल लिया है। 
        जरूरी चीजों की खरीद के नाम पर करोड़ों का खेल हुआ। ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर पांच गुना दाम पर खरीदे गए. कुछ जिलों से इस बात की शिकायत आई इसके बाद जब जांच हुई तो पता चला बहुत गड़बड़ है. कुछ अधिकारी सस्पेंड भी कर दिए गए हैं, लेकिन इस खेल के असली खिलाड़ियों पर कोई आंच नहीं आई  आरोप है कि ऐसे बड़े लोगों को बचाया जा रहा है। 
           इस मुद्दे पर बातचीत करते हुये घोसी के भावी विधायक बालचन्द चौहान ने कहा कि इस घोटाले का मुख्यमंत्री ऑफिस से कनेक्शन है यह अलग बात है कि इन आरोपों के बाद योगी आदित्यनाथ ने पूरे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी बना दी है। यूपी के सीएम ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम को दस दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है था जिसमें जांच के दायरे में कई जिलों के डीएम और सीनियर आईएएस अधिकारी थे । 
        योगी सरकार द्वारा इस जांच के लिये अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार को एसआईटी का चीफ बनाया गया था। उनकी छवि एक ईमानदार और तेज तर्रार अफसर की रही है।  एसआईटी में चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अमित गुप्ता को सदस्य बनाया है. नगर विकास मंत्रालय के सचिव विकास गोठलवाल को भी इस टीम में रखा गया है. योगी ने एसआईटी को हर पहलू की जांच करने को कहा  श्री चैहान ने कहा कि सबसे पहले गड़बड़ी की शिकायत सुल्तानपुर से आई थी  वो भी बीजेपी के विधायक की तरफ से। बीजेपी एमएलए देव मणि द्विवेदी ने थर्मामीटर और ऑक्सीमीटर की खरीद में करोड़ों की धांधली के आरोप लगाए। उन्होंने इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्टी भी लिखी, इसके बाद सीएम के सचिव संजय प्रसाद ने पंचायती राज विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को जांच के लिए कहा. बीजेपी विधायक ने आरोप लगाया था कि कोविड किट 2800 के बदले में 9500 रूपये में खरीदे गए किट में ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर मिलता है। जांच में शिकायत सही पाई गई। सुल्तानपुर और गाजीपुर के पंचायत अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। 
            श्री बालन्द चौहान  ने कहा कि अभी भी पूरे प्रदेश में जांच करा लिया जाय तो पचासों जिलों के अधिकारियों संलिप्ता तय है  कोरोना काल में किट में ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर तथा दवाओं एवं कोरोना मरीजों के देखरेख में सरकार के अफसरों द्वारा भारी घपला घोटाला कर मानवता को शर्मसार कर दिया गया है। श्री चैहान ने सरकार से मांग की है कि जांच जारी रखते हुये दोषियों अधिकारियों, कर्मचारियों को दण्डित किया जाय ताकि इस महामारी में अनुचित लाभ लेने वालों को सजा मिले सके। 

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