प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का पहली बार गर्भवती हुईं 68552 महिलाओं ने उठाया लाभः जिलाधिकारी
पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य देखभाल के लिए तीन किस्तों में दिये जाते हैं 5000 रुपयेः जिलाधिकारी आजमगढ़
आजमगढ़ 11 सितम्बर-- जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि कोरोना काल में कमजोर वर्ग के लोगों की आर्थिक स्थिति पर सीधे तौर पर असर पड़ा है। ऐसे में पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना जिसकी शुरुआत जनवरी 2017 में की गई थी, जो अब वरदान साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती और गर्भस्थ शिशु को पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना है। योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली गर्भवती के खाते में तीन किस्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं जिससे वह गर्भावस्था में पर्याप्त पोषक आहार ले सकें। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो जनवरी 2017 से अगस्त 2020 तक 89977 के सापेक्ष 68552 लोगों को प्रधानमंत्री मातृत्व योजना का लाभ मिल चुका है। योजना के तहत आर्थिक सहयोग पाकर महिलायें खुश हुईं और उन्होंने सरकार की इस योजना को सराहा है।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत पहली बार गर्भवती हुई महिला को 5000 रुपये सीधे बैंक के खाते में दिये जाते हैं। कोरोना काल में लोगों की आय पर असर पड़ा है और अन्य प्रांतों से मजदूरों ने घर वापसी की है। उन्होने बताया कि इस योजना का शत प्रतिशत लाभ पात्र गर्भवती को दिलाने के लिए सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रायः निर्देशित किया गया है कि कोई भी प्रवासी पात्र लाभार्थी भी इस योजना से वंचित न रहे। गर्भवती व धात्री महिलाओं के सही खान-पान व पोषण की स्थिति में सुधार लाना इस योजना का उद्देश्य है। कोरोना काल में प्रवासी कमजोर वर्ग परिवार सहित स्थानीय गर्भवती के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना वरदान साबित हो रही है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 एके मिश्र ने बताया है कि जनवरी 2017 से अगस्त 2020 तक 89977 के सापेक्ष 68552 लोगों को प्रधानमंत्री मातृत्व योजना का लाभ मिल चुका है। स्वास्थ्य विभाग का पूरा प्रयास रहता है कि इस योजना का लाभ शत प्रतिशत पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। प्रत्येक माह लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत लाभ दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
नेशनल हेल्थ मिशन के जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (डीसीपीएम) विपिन बिहारी पाठक ने बताया है कि योजना के तहत पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को पोषण के लिए 5000 रुपये का लाभ तीन किश्तों में दिया जाता है। पंजीकरण कराने के साथ गर्भवती को पहली किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने पर तीसरी किश्त में 2000 रुपये दिए जाते हैं।
मोहम्मदपुर ब्लाक के सैदमुइया गाँव की राजू गोंड की पत्नी मंशा ने बताया कि इस मुश्किल घड़ी में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भावस्था के कठिन समय में उन्हें अतिरिक्त पोषण व भोजन की आवश्यकता थी। तब तीन बार में 5000 रुपये मिले जिसकी तीसरी किस्त अगस्त महीने में मिली है। इससे उनके इलाज और खान-पान में बहुत सहायता मिली है। वहीं लाभार्थी सिंघड़ा गाँव के विनोद की पत्नी शिल्पा ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन आशा दीदी ने योजना के बारे में बताया और योजना के तहत दो किस्तों में 3000 रुपये का लाभ भी दिलाया है, अभी तीसरी किस्त बाकी है। वर्तमान में जब सब काम धंधा बन्द हो गया है, ऐसे में यह योजना बहुत ही लाभदायक साबित हुयी है।
सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत प्रभारी चिकित्साधिकारी की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकत्री, आशा संगिनी, एएनएम, बीसीपीएम/बीपीएम के माध्यम से फार्म भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड, आधार कार्ड और खाता की पासबुक की फोटो कॉपी फार्म भरते समय जमा करना होता है।
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