कांग्रेस कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों के साथ आधी आबादी ने भी लिया पुलिस से मोर्चा

आधी आबादी ने भी दिखाई अपनी ताकत, कहा पुलिस के बल पर हमें किसी पीड़ित को संवेदना प्रगट करने के नहीं रोका जा सकता 

आजमगढ़। एक महिला की जिंदगी उसके सपने, हौसले और जुनून को एक महिला से बेहतर कौन समझ सकता है। वक्त के साथ आधी आबादी के प्रति समाज का नजरिया भी बदला है, पर बंदिशें अभी भी हैं। इन सबके बीच में किस तरह अपना वजूद कायम कर रही, एक अहम सवाल है।
        जब आजमगढ़ में तरवां के बांसगांव में मारे गए प्रधान के परिवार वालों से मिलने से कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल तथा प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू, राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया, पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, पूर्व मंत्री आरके चौधरी और अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष आलोक प्रसाद पासवान को सर्किट हाऊस में ही रोक लिया गया और सर्किट हाउस पुलिस छावनी तब्दील कर दिया गया तब कांग्रेस की महिला शहर अध्यक्ष रीता मौर्य के साथ सैकड़ों महिलाएं पुलिस के जवानों से मोर्चा लेने में पिछे नहीं हटती दिखी। आधी आबादी का नेतृत्व कर रही रीता मौर्य ने कहा कि सरकार के जुल्मों सितम के आगे हम अपने कांग्रेसी भाईयों के साथ-साथ जेल जाने को तैयार हैं। 
        उन्होंने कहा कि जब तक प्रधान के हत्यारे पकड़े नहीं जाते और उत्तर प्रदेश में हत्याओं का दौर नहीं रूक जाता आधी आबादी अपने कांग्रेसी भाईयों के साथ कन्धा से कन्धा मिलाकर सरकार के कुकृत्यों का विरोध करती रहेंगी। 

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