‘लास्ट टाक’ के पत्रकार के आशियाने पर बारिश का कहर, छत गिरने से बाल-बाल बचा परिवार
आजमगढ़। केन्द्र व प्रदेश सरकार गरीबों व जरूरतमंदों को विभिन्न योजनाअेां में पक्की छत का मकान देने के दावे करती है, लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही हैं, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, ऐसा ही एक मामला कल सामने आया, जब बारिश में ‘लास्ट टाक’ के पत्रकार के मकान की छत गिर गई और उसके नीचे परिवार दबने से बालबाल बच गया। हालांकि घर का सारा सामान मलबे में दब गया, जिससे लाखों रूपये का नुकसान उक्त परिवार को उठाना पडा। जानकारी के अनुसार बुधवार को सुबह आई बारिश के दौरन रेलवे स्टेशन सर्फुद्दीनपुर स्थित पत्रकार के मकान की छत भरभराकर गिर पडी, जिससे घर का सारा सामान मलबे में दब गया।
गनीमत यह रही कि छत गिरते समय परिजन घर से बाहर निकल गये, जिससे वे बाल-बाल बच गये और कोई जनहानि नहीं हुई। पीड़ित ‘लास्ट टाक’ के पत्रकार राजेश विश्वकर्मा ने बताया कि बुधवार को सुबह बारिश के दौरान अचानक उसके पक्के मकान की छत का एक हिस्सा गिरना शुरू हुआ, तो परिवार मकान से बाहर निकल गया और देखते ही देखते पूरी छत धराशायी हो गई। मलबे के नीचे घर का सारा सामान भी मलबे में दब गया। इस दौरान मौके पर लोगों की भीड एकत्रित हो गई। पीड़ित पत्रकार राजेश विश्वकर्मा (हथौड़ा) ने बताया कि छत गिरने से मलबे के नीचे घर का सामान दबने से उन्हें हजारों रूपये की आर्थिक हानि हुई है। उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
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