पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है-बृजपाल यादव
7 दिन के राष्ट्रीय शोक का एलान
अजमगढ़। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (84) अस्पताल में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर नई दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया जाएगा। असंख्य समाज पार्टी के अध्यक्ष बृजपाल यादव ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब का जन्म ब्रिटिश दौर में बंगाल प्रेसिडेंसी (अब पश्चिम बंगाल) के मिराती गांव में 11 दिसंबर 1935 को हुआ था। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस और हिस्ट्री में एमए किया। वे डिप्टी अकाउंट जनरल (पोस्ट एंड टेलीग्राफ) में क्लर्क भी रहे। 1963 में वे कोलकाता के विद्यानगर कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर भी रहे। प्रणब के पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1969 में हुई। उन्होंने मिदनापुर उपचुनाव में वीके कृष्ण मेनन का कैम्पेन सफलतापूर्वक संभाला था। तब प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया। 1969 में ही प्रणब राज्यसभा के लिए चुने गए। इसके बाद 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए चुने गए।
वह 10 अगस्त से दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आर एंड आर) हॉस्पिटल में भर्ती थे। इसी दिन ब्रेन से क्लॉटिंग हटाने के लिए इमरजेंसी में सर्जरी की गई थी। इसके बाद से उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। बताया जाता है कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। वे कोरोना से संक्रमित भी हो गए थे। प्रणब के निधन पर 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है।
प्रणब मुखर्जी के निधन पर देश की मुख्य राजनैतिक तथा सामाजिक हस्तियों ने शोक व्यक्त कर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के की आत्मा की शान्ति के ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने कहाकि राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी एक विद्वान स्कॉलर रहे। उन्हें समाज के हर वर्ग ने पसंद किया।
इस बीच भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने कहा कि अपने करियर के दौरान प्रणब मुखर्जी ने भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने कहा कि प्रणब एक अच्छे राजनेता, लेखक और सभी का प्यार पाने वाले इंसान थे। उन्होंने जिस तरह अपने देश की सेवा की, उसकी तुलना नहीं की जा सकती है।
वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा- वो मेरे लिए एक साथी से कहीं बढ़कर थे। हमने अपने सामाजिक दायरे के भीतर और बाहर बहुत सारे अनमोल क्षण व्यतीत किए हैं। उनके साथ अक्सर खाना खाने की यादें मेरे दिल में खास जगह रखती हैं।
असंख्य समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल यादव ने कहा कि भारत के राजनीतिक-सामाजिक जीवन में उपजी इस शून्यता को भरना आसान नहीं होगा।
Comments
Post a Comment