आजमगढ़ कांग्रेस संगठन में उठ रही है परिवर्तन की मांग
आजमगढ़। कार्यकर्ताओं के द्वारा संगठन में नए चेहरों को कमान सौंपने को लेकर चर्चा की जा रही है, गौरतलब है कि आजमगढ़ महिला कांग्रेस में कुछ संगठन में पदाधिकारी पिछले कई सालों से पद पर जमी हुई हैं, पार्टी हाईकमान के द्वारा लंबे समय से यहां पर कांग्रेस के अनुशांगिक संगठनों में फेरबदल या चुनाव नहीं किया है। लंबा समय होने के बाद अब इन पदाधिकारियों का विरोध शुरू हो गया है, कांग्रेस में मजबूती के लिए नए लोगों को मौका देने को लेकर लोग नई नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार पिछले कई वर्षों महिला जिला अध्यक्ष पद पर जमें लोगों को को लेकर चर्चा जारी है।
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों को सिर्फ इसलिए यह मौका दिया जा रहा है कि वह पूजींपतियों के हाथों के कठपुतलिया है। आजमगढ़ में नये जिला अध्यक्ष प्रवीण सिंह को बनाये जाने के बाद आजमगढ़ जिले में कांग्रेस का कद ही नहीं बढ़ा बल्कि पद भी बढ़ गया है। प्रवीण सिंह ने आजमगढ़ के मुर्दा कांग्रेस संगठन जान ही नहीं फूंकी बल्कि अपने त्याग और ईमानदारी की मिसाल पेश करते हुयें कांग्रेस को अपनी पुरानी पहचान वापस दिलाने में कामयाब भी हो गये। प्रवीण सिंह के जंग से जहां विरोधी दलोें की धड़कन रूक गयी वहीेें प्रवीण सिंह विरोधियों को परास्त करने की मिसाल कायम कर रहें हैं। इस बीच कांग्रेस में इस बात की चर्चा आम होने लगी है कि प्रवीण सिंह के इस जंग में महिलाओं का योगदान है कि नहीं बताया जाता है कि प्रवीण सिंह अभी इस मामले को तूल देने के पक्ष में नहीं है, परन्तु आजमगढ़ के कांग्रेसी अब इस बात को स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है कि आधी आबादी का हित साधने वाली महिलाओें को संगठित करने वाला नेतृत्व ही जिले से गायब है। ऐेसे में आजमगढ़ के कांग्रेसियों का असंतोष जायज ही कहा जा सकता है। इस बात की चर्चा आम होने से जहां शीला भारती को नया अध्यक्ष चुनने की कवायद शुरू हो गयी है वहीं कुछ और महिलाओें को को भी पार्टी के शीर्ष पद पर लाने की चर्चा आम है।
बताया जाता है कि एक पत्रकार जो आजमगढ़ के कांग्रेस पार्टी के पद पर विराजमान है वह अपने आप को कांग्रेस का आलाकमान मानता है, जिसके चलते कांग्रेसजन अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं।
नाम न बताने की शर्त पर कुछ कांग्रेसजनों ने कहा कि यह कांग्रेंस पार्टी का सौभाग्य है कि उन्हें प्रवीण सिंह जैसा कर्तव्यनिष्ठ जिलाध्यक्ष प्राप्त हुआ है, परन्तु आधी आबादी को प्रभावित करने वाली महिला कांग्रेस का उदय होना अभी बाकी है।
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