सिकन्दरपुर आइमा में 10 जून को हुई मारपीट की घटना में शामिल 16 अभियुक्तो के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट में कार्यवाही
आजमगढ़। थाना महाराजगंज के ग्राम सिकन्दरपुर आईमा के कुछ दबंग एवं असामाजिक तत्वों द्वारा आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर अनुसूचित वर्ग की बस्ती पर अपनी गुंडई एवं अनैतिक प्रभाव बनाने हेतु हमला किया गया था। जिससे कई लोग घायल हो गये एवं बस्ती में भय एवं आतंक का माहौल व्याप्त हो गया। वैधानिक उपचार हेतु तत्काल मु0अ0सं0 111/2020 धारा 147, 149, 323, 324, 504, 506, 308 , 188, 269, 271 IPC व महामारी अधिनियम की धारा 3 व 4 तथा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2) (va) SC/ST ACT व 7 CLA ACT थाना महराजगंज पर पंजीकृत कर विवेचना क्षेत्राधिकारी सगड़ी श्री सिद्धार्थ तोमर द्वारा प्रारम्भ की गयी। क्षेत्राधिकारी सगड़ी द्वारा घटना के बाद मात्र 10 दिनों में त्वरित विवेचनात्मक कार्यवाही करते हुए नामजद 09 एवं 11 अज्ञात अभियुक्तो को प्रकाश में लाकर गिरफ्तार करते हुए दिनांक- 20.06.2020 को आरोप पत्र मा0 न्यायालय प्रेषित किया गया।
घटना स्थल पर पीड़ितों के बीच सुरक्षा का बोध एवं आत्मविश्वास विकसिक करने के लिए स्थानीय पुलिस एवं पीएसी बल सतत प्रयत्नशील है। जिसका वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार पर्वेक्षण किया जा रहा है। प्रकरण में अभियुक्तो की शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित करने हेतु नगद पुरस्कार की भी घोषणा की गयी थी।
इस प्रकरण के आरोपियों का यह कृत्य समाज विरोधी क्रिया-कलाप की श्रेणी में आता है। इस घटना में शामिल कुछ आरोपियों का पूर्व से भी इसी प्रकार की आपराधिक घटनाओं का इतिहास रहा है। आरोपी गण एकजूट होकर ऐसे अपराध करके समाज में अपना एक आपराधिक प्रभूत्व कायम करते है और उसका सामाजिक, आर्थिक या फिर कई प्रकार के बुनियादी लाभ प्राप्त करते है। जो उ0प्र0 गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 (यू0पी0 गैंगस्टर एक्ट) के अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रकरण को पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ प्रो0 त्रिवेणी सिंह द्वारा गम्भीर संज्ञान लेते हुए प्रभारी निरीक्षक महाराजगंज एवं क्षेत्राधिकारी सगड़ी को समुचित आवश्यक वैधानिक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जा रहा था। जिसके क्रम में प्रभारी निरीक्षक महाराजगंज श्री नन्द कुमार तिवारी द्वारा प्रकरण में दिनांक 22.06.2020 को 16 अभियुक्त गण के विरूद्ध नियमानुसार उ0प्र0 गिरोहबन्द एवं समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है। घटना में शामिल 04 आरोपियों को किशोर अपचारी होने कारण गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही में शामिल नही किया गया है।
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