न्यायालय परिसर का सेनेटाइजेशन चिकित्सीय दिशा निर्देश के अनुसार प्रतिदिन कराया जाय-सत्र न्यायधीश

         
        आजमगढ़ । जनपद एवं सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया है कि जनपद आजमगढ़ को आरेन्ज जोन में रखा गया है तथा जनपद न्यायालय का परिसर कन्टेनमेंट क्षेत्र से बाहर है, इस सूचना के आधार पर जनपद आजमगढ़ को शासन द्वारा आरेन्ज जोन में रखा मानकर अग्रेतर कार्यवाही की जा रही है। उपरोक्तानुसार आरेन्ज जोन में रखे गये जनपदों के न्यायालयों में कार्यवाही किये जाने हेतु दिशा निर्देश दिये गये हैं।
माननीय उच्च न्यायलय के आदेशानुसार जनपद आजमगढ़ के उन न्यायालयों, जिनको क्रियाशील किये जाने का आदेश है, को दिनांक 22 मई से कतिपय शर्तों के अधीन क्रियाशील किया गया है। जनपद न्यायालय खोले जाने से पूर्व व उसके पश्चात दिन प्रतिदिन यह सुनिश्चित किया जायेगा कि उस परिसर का पूर्ण स्वच्छीकरण व सफाई तथा उसमें प्रवेश पाने वाले व्यक्तियों का थर्मल स्कैनिंग परीक्षण, जिलाधिकारी, अन्य प्रशासनिक अधिकारीगण तथा मुख्य चिकित्साधिकारीध्मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की सहायता प्राप्त कर कराया जाय एवं जिला प्राधिकारीगण प्रतिदिन उस परिसर का स्वच्छीकरण किया जाना सुनिश्चित करेंगे।   
उच्च न्यायालय द्वारा यह अपेक्षा की गयी है कि न्यायालय परिसर का सेनेटाइजेशन चिकित्सीय दिशा निर्देश के अनुसार प्रतिदिन कराया जाय। जिस भी दिन स्वच्छीकरण व सफाई का कार्य न्यायालय परिसर में नही किया जाता है उस दिन न्यायिक कार्य बन्द रहेगा तथा उक्त तथ्य की सूचना तत्काल जिला प्रशासन को की जायेगी तथा विस्तृत आख्या माननीय उच्च न्यायालय को प्रेषित की जायेगी। कार्यदिवस के अनुसार जनपद न्यायालय के स्वच्छीकरण व सफाई हेतु नियुक्त अधिकारीगण से अपेक्षा की जाती है कि वे प्रत्येक कार्यदिवस में की गयी न्यायालय परिसर की साफ-सफाई की आख्या न्यायालय खुलने से पूर्व जनपद एवं सत्र न्यायाधीश कार्यालय में प्राप्त करायेंगे।
जनपद एवं सत्र न्यायाधीश ने जिला प्रशासन एवं मुख्य चिकित्साधिकारीध्मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से यह अपेक्षा की है कि व पर्याप्त संख्या में थर्मल स्कैनर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, ताकि न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जाॅच सुगमतापूर्वक सुनिश्चित की जा सके। 
जनपद न्यायाधीश को जिला प्रशासन से परामर्श करके दिन प्रतिदिन यह निर्धारित किया जाना है कि उस जनपद वाले जोन में आसन्न खतरा या उसका स्तर क्या है, उनसे यह अपेक्षा की गयी है कि वे इस सम्बन्ध में जनपद आजमगढ़ की वर्तमान स्थिति से यथाशीघ्र अवगत कराते हुए भविष्य में भी प्रतिदिन इस बिन्दु पर परामर्श सूचक आख्यायें प्रेषित करते हुए अवगत कराते रहें, ताकि जनपद एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा आसन्न खतरा (कोविड-19) के स्तर का निर्धारण किये जाने की प्रक्रिया अनवरत व सुचारू रूप से चलती रहे। 
उन्होने बताया कि एक समर्पित हेल्पलाइन अधिवक्ताध्वादकारीगण को सहायता प्रदान किये जाने हेतु हेल्पलाइन नम्बर 05462-247527 घोषित किया जा चुका है। उन्होने बार एसोसिएशन को सूचित किया है कि न्यायालय की कार्यवाही में पुरूष अधिवक्तागण सफेद शर्ट व हल्के रंग के ट्राउजर के साथ बैण्ड तथा महिला अधिवक्तागण सौम्य वस्त्र मय बैण्ड धारण कर सकते हैं। न्यायिक अधिकारीगण को कोट व गाऊन धारण करने से छूट प्रदान की गयी है। 
उन्होने यह भी कहा कि न्यायालय परिसर में कर्मचारीगण को न्यूनतम संख्या में प्रवेश कराया जायेगा, जो कि समय-समय पर केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप होगा। इस निर्देश का अनुपालन संबंधित अधिकारीगण, प्रशासनिक कार्यालय, नजारत व कर्मचारीगण द्वारा सुनिश्चित कराया जायेगा। 
पीठासीन अधिकारी द्वारा तबतक प्रकरणों के पक्षकारों को न्यायालय में उपस्थित होने से नही रोकेंगे, जबतक की वह किसी रोग से पीड़ित न हो, परन्तु उन्हें न्यायालय कक्ष में या उन स्थानों जहाॅ से अधिवक्तागण द्वारा सम्बोधन किया जाता है, पर व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबन्धित करने की शक्ति प्राप्त होगी। उपरोक्त दिशा निर्देश दिनांक 22 मई 2020 से अग्रिम आदेश तक प्रभावी है।

Comments

Popular posts from this blog

फन्दे पर लटकती मिली विवाहिता व बेटे की लाश

केन्द्र सरकार आम आदमी की समस्या को सुलझाने में विफल-प्रियंका गोड़

दो लाख रूपये नहीं मिले तो ससुराल वालो ने कर दी बहू की हत्या