दस-दस हजार रूपया भरण पोषण दिया जाय-बृजपाल
उन्होंने सरकार की प्रंशसा करते हुये कहा कि सरकार तत्काल कई कल्याणकारी योजनाओं को अमली जामा पहनाकर कोरोना को हराने का अविस्मणीय कार्य किया है परन्तु एक हजार रूपया से श्रम विभाग के पंजीकृत मजदूरों तथा गरीब मजदूर का किसान का भला नहीं हो सकता इसलिये सरकार को चाहिए कि वह उनके खाते में दस-दस हजार रूपये की धनराशि भरण-पोषण के लिये दें ताकि गरीब मजदूरों, कामगारों, किसानों को पैसे के अभाव में अपनी जमीन, गहने गिरवी न रखने पड़े। उन्होंने कहा कि कोरोना एक वैश्विक महामारी है जिससे लगभग पूरा विश्व जूझ रहा है इस महामारी में तमाम देशों सहित भारत के समस्त राज्य लाक डाउन के घेरे में आ गये। कोरोना के संकट से उन मजदूरों, कामगारों, गरीब किसानों सहित छोटे-छोटे दुकानदारों को सामने भुखमरी समस्या उत्पन्न हो गयी। उत्तर प्रदेश भाजपा की सरकार ने त्वरित निर्णय लेते हुये श्रम विभाग के पंजीकृत कामगारों सहित सर्वें के आधार पर एक-एक हजार रूपया उनके खातों में हस्तान्तरित किया गया। सरकार की सहायता से आर्थिक तंगी की मार झेल रहे श्रम विभाग के पंजीकृत कामगारों तथा सर्वें के आधार पर ने एक हजार रूपये की सहायता से अपने जरूरत का सामान खरीदा लेकिन बढ़ते लाक डाउन से रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों, कामगार, गरीब किसान कर्ज लेकर जिन्दगी जी रहा हैं।
उन्होंने मांग की कि सेनेटाइजर, मास्क निर्माण उद्योग को तत्कालिक अनुदान देकर कम मुनाफा लेकर सार्वजनिक रूप इसकी बिक्री कर लोगों को इसका उपयोग करना सिखाया जाना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को लाक डाउन के दौरान प्रदेश के लोगों के बिजली का बिल माफ कर देना चाहिए क्योंकि कुछ को छोड़कर उत्तर प्रदेश के सम्य नागरिकों ने कोरोना को हराने में सरकार का साथ कदम-कदम पर दिया है। इस दौरान उनके सामने रोजी‘-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया और वह आर्थिक रूप से टूट गये हैं।
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