घरों में रहकर मनाएं बाबा साहब की जयन्ती- अरविन्द कुमार

आजमगढ़। संविधान निर्माता डा.भीमराव आंबेडकर की जयंती पर बसपा सहित विभिन्न संगठनों ने उनकी प्रतिमा और चित्रों पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। बसपा के जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार, संगठनमंत्री धीरज कुमार उर्फ मन्टू कुमार कोआर्डिनेटर, विनोद चैहान, बामसेफ के पूर्व जिलाध्यक्ष लालचन्द राम ने बाबा साहब के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। 
लॉकडाउन के चलते कहीं भी सामूहिक कार्यक्रम नहीं हो सके। जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार ने लोगों से घरों में ही रहकर बाबा साहब की जयंती मनाने की अपील की। बाबा साहब के जीवन प्रकाश डालते हुये जिलाध्यक्ष अरविन्द कुमार ने कहा कि बाबा साहेब महार जाति से आते थे जो कि उस समय अछूत माना जाता था।  अंबेडकर साहब को बचपन में ही समाज के विभेदकारी बर्ताव का सामना करना पड़ा था। उन्हें स्कूल में अलग बैठाया जाता था, ऊंची जाति के बच्चे उनसे ठीक से बात नहीं करते थे. अंबेडकर को ये बात काफी चुभती थी और उन्होंने उस अल्प आयु में ही समाज से इस विभेद को खत्म करने का प्रण ले लिया था। 
विनोद चैहान ने कहा कि बाबा साहब के मार्ग पर चलकर ही संविधान तथा समाज की रक्षा हो सकती है। 
बामसेफ के पूर्व जिलाध्यक्ष लालचन्द राम ने कहा कि बाबा साहब ने अपने गहन अध्यन, चिंतन से यह साबित कर दिया कि छुआछूत, भेदभाव, असमानता ऐसी बिमारियां हैं जिनके कारण भारत के लोग तरक्की नहीं कर पाये। इसलिये बाबा साहब ने सबसे पहले छुआछूत, भेदभाव को खत्म करने के कड़ा संघर्ष किया। 

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