होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है-जिलाधिकारी
आजमगढ़ । जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि आज होलिका दहन का त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होलिक दहन पूर्णिमा की रात को किया जाता है। जो हिन्दु वर्ष का अन्तिम दिन होता है। इसी के साथ ही अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लागकर पूरे हर्षोल्लास के साथ यह होली का त्यौहार मनाते है। इस दिन हिन्दु नववर्ष का आरम्भ होता है। होलिका दहन के अवसर पर पुराने वर्ष के बुराईयों का अन्त कर नए शुभ वर्ष की शुभकामना का पर्व भी है।
उन्होने बताया कि होलिका दहन से पूर्व शहर के दो स्थानों से लाग निकाला जाता है। जिसमें पुरानी कोतवाली का लाग बुड़वा की बारात दुल्हन को लेने के लिए निकाला जाता है। यह लाग पुरानी कोतवाली से लेकर चैक, तकिया, दलालघाट, कालीनगंज होते हुए पुनः चैक से होकर पुरानी कोतवाली पर समाप्त होता है। इस लाग में शहर क्षेत्र के विभिन्न समूदाय के लोग व आमजनता द्वारा सहभगिता किया जाता हैं। उन्होने बताया कि लाग साझा संस्कृति, भाई-चार व एकता का प्रतीक है। जिलाधिकारी द्वारा जनपदवासियों को होलिका दहन की शुभकामनाएं दी गयी।
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