मण्डलायुक्त की संस्तुति पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को शासन ने किया निलम्बित
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी |
ज्ञातव्य हो कि गत मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी के समक्ष इस आशय की शिकायत मिली थी कि जनपद आज़मगढ़ के कई अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापकों, सहायक अध्यापकों की नियमविरुद्ध तरीके से नियुक्ति की गयी है तथा उन नियुक्तियों को शासनादेशों और अभिलेखों के आलोक में परीक्षण किये बिना ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है। प्राप्त शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में मण्डलायुक्त ने तत्समय ही अपर आयुक्त (प्रशासन) अनिल कुमार मिश्र की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जॉंच टीम का गठन किया गया जिसमें संयुक्त शिक्षा निदेशक एपी वर्मा, एडी बेसिक डा. राजेश कुमार आर्य, जेडीसी कार्यालय के सहायक लेखाधिकारी अनिल कुमार राय को शामिल किया गया था। जॉंच टीम द्वारा अपनी विस्तृत संयुक्त आख्या में अवगत कराया गया था कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री पाण्डेय द्वारा जनपद के 20 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में 20 प्रधानाध्यापकों/प्रधानाध्यापिकाओं के चयन का अनुमोदन, 34 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में कला वर्क व भाषा अध्यापक के पद पर नियुक्ति का बिना परीक्षण किये ही 45 अध्यापकों के चयन का अनुमोदन तथा 20 अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाई स्कूलों में 20 सहायक अध्यापकों/अध्यापिकाओं के चयन का अनुमोदन किया गया है। उक्त जॉंच आख्या में इस प्रकार कुल 85 नियक्तियों का अनुमोदन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शासनादेश/अभिलेखों के आलोक में परीक्षण किये बिना ही अनियमित ढंग से किया गया है तथा कतिपय विद्यालयों में नियुक्ति में वित्तीय अनियमितता भी की गयी है।
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने गठित चार सदस्यीय जॉंच टीम द्वारा उपलब्ध कराई गयी उक्त आख्या में गंभीर अनियमिता, शासनादेशों की पूरी तरह अनदेखी कर नियम विरुद्ध तरीके से किये गये चयन को बीएसए द्वारा अनुमोदिन किया गया है। जॉंच के दौरान यह भी पाया गया कि इन अनियमितताओं हेतु अधिकतर प्रकरणों में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री पाण्डेचय के साथ साथ पटल सहायक श्री संजीव कुमार श्रीवास्तव भी उत्तरदायी हैं। मण्डलायुक्त को जॉंच रिपोर्ट के माध्यम से यह भी अवगत कराया गया था कि इन विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के चयन हेतु निर्गत त्रुटिपूर्ण अनुभव प्रमाण पत्रों बिना साक्ष्यों के ही अजमतगढ़, रानी की सराय, पल्हनी, अतरौलिया, हरैया, जहानागंज, मुहम्मदाबाद गोहना, महराजगंज पवइ तथा फूलपुर के खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया गया है। इसमें अनियमित रूप चयनित 20 प्रधानाध्यापकों में 5 को निर्गत अनुव प्रमाण पत्र खण्ड शिक्षा अधिकारी बिलरियागंज द्वारा प्रतिहस्ताक्षरित किया गया है। इसके अलावा उक्त खण्ड शिक्षा अधिकारी कई विद्यालयों में चयन हेतु पर्यवेक्षक के रूप में नामित भी हुए थे तथा अपनी संस्तुति भी दी थी। इस प्रकार प्रकरण में इन खण्ड शिक्षा अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गयी। मण्डलायुक्त ने जॉंच में बीएसए को गंभीर अनियमितता बरतने का दोषी पाये जाने पर गत 31 जनवरी को पूरे प्रकरण से शासन को अवगत कराते हुए बीएसए देवेन्द्र कुमार पाण्डेय को निलम्बित कर उनक विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संस्थित किये जाने के साथ ही सभी 85 नियुक्तियों को निरस्त कर सतर्कता जॉंच कराये जाने की संस्तुति शासन को प्रेषित की गयी थी। मण्डलायुक्त की संस्तुति पर शासन ने जहॉं बीएसए श्री पाण्डेय को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर उन्हें बेसिक शिक्षा निदेशालय लखनऊ से सम्बद्ध कर दिया है वहीं बीसएस के साथ ही प्रकरण में संलिप्त पाये जाने पर पटल सहायक संजीव कुमा श्रीवास्तव संलिप्त समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों एवं सम्बन्धित विद्यालयों के प्रबन्धकों के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। शासन द्वारा प्राप्त निर्देश के क्रम में मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने प्रकरण में संलिप्त पटल सहायक खण्ड शिक्षा अधिकारियों, प्रबन्धकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के साथी विभागीय कार्यवाही तत्काल कराने हेतु एडी बेसिक को निर्देशित किया है।
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