मण्डलायुक्त के सख्त रूख के बाद 12 साल बाद महिला का कंप्यूटरीकृत खतौनी में दर्ज हुआ नाम


आजमगढ़ । मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी के सख्त रुख को देखते हुए सदर तहसील में विगत 12 वर्षो से कंप्यूटर खतौनी में नाम दर्ज करने का लंबित रखा गया प्रकरण समाप्त हो गया। प्रकरण को इतने अधिक
आजमगढ़मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी के सख्त रुख को देखते हुए सदर तहसील में विगत 12 वर्षो से कंप्यूटर खतौनी में नाम दर्ज करने का लंबित प्रकरण समाप्त हो गया। प्रकरण को इतने अधिक अवधि तक अनावश्यक रूप से लटकाए रखने के लिए दोषी कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर वस्तुस्थिति से दो दिन के अंदर अवगत कराने का निर्देश एसडीएम सदर को दिया है।
गत दिवस तहसील सदर के ग्राम हसनपुर निवासी वृद्धा चंद्रमा देवी पत्नी आत्मा ने प्रार्थना पत्र दिया था। अवगत कराया कि उन्होंने गांव के गुलाब चंद से आठ मार्च 2007 को बैनामा लिया गया थाए जिसका तहसीलदार सदर के स्तर से 25 अप्रैल 2007 को नामांतरण आदेश होने के बाद अमलदरामद रजिस्टर मालिकान में अंकित तो कर दिया गया लेकिन वह तत्कालीन खतौनी में दर्ज नहीं किया गया। कंप्यूटर खतौनी में क्रेता का नाम दर्ज नहीं होने के कारण खतौनी में विक्रेता का नाम आ रहा है। महिला ने यह भी बताया कि वह पढ़ी.लिखी नहीं हैए जिससे उन्हें कागजात की पर्याप्त जानकारी नहीं है। यह भी अवगत कराया कि स्पष्ट आदेश के बावजूद कंप्यूटर खतौनी में नाम दर्ज नहीं किया जा रहा हैए जबकि वह इसके लिए काफी लंबे समय से भाग.दौड़ कर रही है। इस पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कमिश्नर ने एडीएम सदर को तत्काल क्रेता महिला का नाम कंप्यूटर खतौनी में दर्ज कर अवगत कराए जाने का निर्देश दिया। 12 वर्ष तक वृद्ध महिला का नाम खतौनी में दर्ज करने के प्रकरण को अनावश्यक लंबित रखा गया था। संबंधित दोषी तहसील सदर के कर्मियों का उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कड़ी कार्रवाई का निर्देश एसडीएम को दिया गया है। वरासत व खतौनी में किसी भी पीड़ित का नाम दर्ज करने में यदि अनावश्यक रूप से लंबित रखे जाने का प्रकरण आने के बाद संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित होगी।

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