- मण्डलायुक्त की संस्तुति पर निलम्बित हुए उपजिलाधिकारी सदर
मण्डलायुक्त कनक त्रिपाठी ने यह भी बताया कि उक्त भूमिऊअं पर अधिशासी अभियन्ता बाढ़ प्रखण्ड का कार्यालय बना हुआ है, परन्तु उपजिलाधिकारी सदर ने उक्त वाद में आदेश पारित करते समय दफा विविध में आदेश पारित किया जबकि यह वाद स्वत्व का वाद जिसे दफा विविध में निस्तारित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रकरण संज्ञान में आने के उपरान्त मामले की गहनता से जाॅंच कराई गयी तो पाया गया कि वाद द्वारा प्रस्तुत संशोधन प्रार्थना पत्र में धारा 144 उप्र राजस्व संहिता 2006 निरस्त करके उसके स्थान पर 59/61 उप्र काश्तकारी अधिनियम 1939 अंकित करने की अनुमति मांगी गयी थी परन्तु एसडीएम श्री नायक द्वारा सम्बन्धित पक्ष से दुरभि सन्धि कर निजी हितों की पूर्ति हेतु काश्तकारी अधिनियम के तहत आदेश पारित नहीं किया गया बल्कि दफा विविध के तहत 16 अक्टूबर 2019 को आदेश पारित किया गया जोे उनकी सत्यनिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। मण्डलायुक्त ने यह भी बताया कि आदेश पारित किये जाते समय श्री नायक द्वारा पूर्व पीठासीन अधिकारियों के पारित आदेशों का न तो परिशीलन किया गया और न ही अपने आदेश में इसका कहीं अंकन किया गया। इसके अलावा उनके द्वारा दोनों खतौनियों में अंकित रकबे में भिन्नता होने की स्थिति में भी अभिलेखागार की मूल खतौनियों से मिलान नहीं किया गया। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने यह भी बताया कि उपजिलाधिकारी सदर ने अपने पारित उक्त आदेश में कई अन्य तथ्यों और नियमों को सिरे से नजर अन्दाज किया है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रकरण जाॅंच के उपरान्त पाया गया कि उपजिलाधिकारी सदर प्रशान्त कुमार नायक ने निजी हितों की पूर्ति हेतु वादी भू-माफिया सम्हारू को अनाधिकृत रूप से लाभ पहुंचाने के लिए कटिबद्ध थे, जिसके लिए उन्होंने उक्त आदेश पारित कर राज्य सरकार को क्षति पहुंचाई गयी है। मण्डलायुक्त ने यह भी कहा कि श्री नायक द्वारा न केवल गंभीर कदाचार, अपकृत्य एवं नैतिक अधमता का कृत्य किया गया है, बल्कि उनके द्वारा सरकारी क्षति पहंुचाई गयी तथा उस भूमि के सम्बन्ध में राज्य सरकार के हितों की विपरीत आदेश पारित किया गया है। मण्डलायुक्त श्रीमती त्रिपाठी ने कहा कि गत 18 नवम्बर को सम्पूर्ण प्रकरण से शासन को अवगत कराते हुए श्री नायक के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने की संस्तुति की गयी थी, जिसके क्रम में शासन द्वारा उनको तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है।
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