ओपीडी कक्ष में बैठने को लेकर में भिड़े जिला अस्पताल के डाक्टर, तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुआ विवाद मारपीट में बदला

आजमगढ़। जिला अस्पताल में मंगलवार को एक ओपीडी कक्ष में बैठने को लेकर अस्पताल के दो वरिष्ठ सर्जन आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच कक्ष बंद कर हाथापाई भी हुई और एक डॉक्टर को जान बचा कर मौके से भागना पड़ गया। अस्पताल में हुए हंगामे को तो पहले एसआईसी दबाने के प्रयास में जुटे रहे, बाद में प्रकरण डीएम के संज्ञान में पहुंचने की बात सुनने पर दो सदस्यी जांच टीम गठित कर दिया।
समाचार के अनुसार जिला अस्पताल में तैनात वरिष्ठ सर्जन डॉ. आलोक वर्मा को ओपीडी के लिए कक्ष संख्या नौ एलाट है। वहीं दूसरे वरिष्ठ सर्जन डॉ. एके कुशवाहा ओपीडी कक्ष संख्या 19 में बैठते थे। डॉ
. एके कुशवाहा बेटी की शादी के लिए छुट्टी पर गए थे। इस दौरान डॉ. आलोक वर्मा अपने कक्ष के बजाए कक्ष संख्या 19 में मरीज को देख रहे थे। मंगलवार को डॉ. कुशवाहा छुट्टी से वापस लौट आये तो अपने ओपीडी कक्ष संख्या 19 में मरीजों को देखने लगे। कुछ देर बाद डॉ. आलोक वर्मा वहां पहुंचे और वहां बैठने को लेकर डॉ. कुशवाहा से भिड़ गये। यहां कुर्सी पर बैठने को लेकर दोनों वरिष्ठ सर्जनों में कहासुनी होने लगी। तू-तू, मैं-मैं से शुरू हुआ विवाद कुछ ही देर में हाथापाई में तब्दील हो गया। बताया जाता है कि कक्ष बंद कर जम कर दोनों वरिष्ठों में हाथापाई हुई। नौबत यहां तक आ गई कि एक डॉक्टर को जान बचा कर भागना तक पड़ गया। डॉ. एके कुशवाहा ने इस बाबत एसआईसी से लिखित व टेलीफोनिक शिकायत भी किया। लेकिन एसआईसी पहले तो घटना से अनभिज्ञ बने रहे। बाद में जब उनसे यह कहा गया कि प्रकरण डीएम तक पहुंच गया तो उन्होंने शिकायत मिलने की बात को स्वीकार किया और जांच के लिए दो सदस्यी टीम गठित कर दी। जांच टीम में डॉ. चंद्रहास व डॉ. रामकेवल को शामिल किया गया है।

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